Home Bihar बिहार: 94 प्रतिशत अस्पताल नहीं जारी कर रहे मृत्यु सर्टिफिकेट, केवल पांच फीसदी लोगों को ही मिली एमसीसीडी रिपोर्ट

बिहार: 94 प्रतिशत अस्पताल नहीं जारी कर रहे मृत्यु सर्टिफिकेट, केवल पांच फीसदी लोगों को ही मिली एमसीसीडी रिपोर्ट

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बिहार: 94 प्रतिशत अस्पताल नहीं जारी कर रहे मृत्यु सर्टिफिकेट, केवल पांच फीसदी लोगों को ही मिली एमसीसीडी रिपोर्ट

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना

द्वारा प्रकाशित: प्रांजुल श्रीवास्तव
अपडेट किया गया सोम, 09 मई 2022 01:38 अपराह्न IST

सार

मृत्यु प्रमाण पत्र पर मौत का कारण लिखा होता है यानी व्यक्ति की मौत किस बीमारी की वजह से हुई, इसका पता चलता है। प्रमाण पत्र न बनने से बीमारी का पता नहीं चल पाता और उसके इलाज के लिए रणनीति तैयार करने में भी समस्या आती है।

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केंद्र सरकार की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बिहार में 94 प्रतिशत अस्पताल मृत्यु का मेडिकल सर्टिफिकेट ही नहीं जारी कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 683 अस्पतालों में केवल 42 ही ऐसे हैं, जिन्होंने मृत्यु सर्टिफिकेट जारी किए हैं। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्फॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च के अनुसार मेडिकल सर्टिफिकेट ऑफ कॉज ऑफ डेथ यानी एमसीसीडी रिपोर्ट 35 राज्य ही जारी कर रहे हैं। इसमें बिहार की स्थिति सबसे बुरी है। वहीं उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड की भी खराब स्थिति है।

केवल पांच प्रतिशत को ही मिल रहा सर्टिफिकेट
केंद्र सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में जितनी मौतें होती हैं, उसमें केवल पांच प्रतिशत ही मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किए जाते हैं। इसमें 62 प्रतिशत पुरुषों व 38 प्रतिशत महिलाओं के सर्टिफिकेट होते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में बिहार में 3.59 लाख मौतें हुई थीं। जबकि 18 हजार 233 मेडिकल सर्टिफिकेट ही जारी किए गए। 2019 की रिपोर्ट को मानें तो मेडिकल सर्टिफिकेट से पता चला है कि 87 प्रतिशत मौतें केवल आठ बीमारियों के कारण ही हुई हैं।

सर्टिफिकेट न बनने से क्या हो रहा नुकसान
नेशनल सेंटर फॉर डीजीज इन्फॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च के मुताबिक, मेडिकल सर्टिफिकेट जारी न होने से बीमारियों का सही कारण नहीं पता चल पता है। इससे बीमारियों के इलाज को लेकर रणनीति बनाने में बाधा होती है। किसी व्यक्ति की मौत किस बीमारी से हुई, उस बीमारी को फैलने से रोकने और उसके इलाज के लिए रणनीति बनाने में समस्या आती है।

विस्तार

केंद्र सरकार की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। बिहार में 94 प्रतिशत अस्पताल मृत्यु का मेडिकल सर्टिफिकेट ही नहीं जारी कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 683 अस्पतालों में केवल 42 ही ऐसे हैं, जिन्होंने मृत्यु सर्टिफिकेट जारी किए हैं। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्फॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च के अनुसार मेडिकल सर्टिफिकेट ऑफ कॉज ऑफ डेथ यानी एमसीसीडी रिपोर्ट 35 राज्य ही जारी कर रहे हैं। इसमें बिहार की स्थिति सबसे बुरी है। वहीं उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड की भी खराब स्थिति है।

केवल पांच प्रतिशत को ही मिल रहा सर्टिफिकेट

केंद्र सरकार की रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार में जितनी मौतें होती हैं, उसमें केवल पांच प्रतिशत ही मेडिकल सर्टिफिकेट जारी किए जाते हैं। इसमें 62 प्रतिशत पुरुषों व 38 प्रतिशत महिलाओं के सर्टिफिकेट होते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 2019 में बिहार में 3.59 लाख मौतें हुई थीं। जबकि 18 हजार 233 मेडिकल सर्टिफिकेट ही जारी किए गए। 2019 की रिपोर्ट को मानें तो मेडिकल सर्टिफिकेट से पता चला है कि 87 प्रतिशत मौतें केवल आठ बीमारियों के कारण ही हुई हैं।

सर्टिफिकेट न बनने से क्या हो रहा नुकसान

नेशनल सेंटर फॉर डीजीज इन्फॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च के मुताबिक, मेडिकल सर्टिफिकेट जारी न होने से बीमारियों का सही कारण नहीं पता चल पता है। इससे बीमारियों के इलाज को लेकर रणनीति बनाने में बाधा होती है। किसी व्यक्ति की मौत किस बीमारी से हुई, उस बीमारी को फैलने से रोकने और उसके इलाज के लिए रणनीति बनाने में समस्या आती है।

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