Home Bihar बिहार विधानसभा: हंगामे के बीच ओवैसी की पार्टी के विधायक को मार्शलों ने किया बाहर, शराबबंदी से जुड़ा विधेयक भी पारित

बिहार विधानसभा: हंगामे के बीच ओवैसी की पार्टी के विधायक को मार्शलों ने किया बाहर, शराबबंदी से जुड़ा विधेयक भी पारित

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बिहार विधानसभा: हंगामे के बीच ओवैसी की पार्टी के विधायक को मार्शलों ने किया बाहर, शराबबंदी से जुड़ा विधेयक भी पारित

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना

द्वारा प्रकाशित: अमित मंडल
अपडेटेड बुध, 30 मार्च 2022 07:22 PM IST

सार

विधानसभा अध्यक्ष ने प्रश्नकाल के बाद स्थगन प्रस्तावों को पढ़ा और ठुकरा दिया तो सदन में उथल-पुथल मच गई और विपक्षी विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया।

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बिहार विधानसभा में बुधवार को भारी हंगामा हुआ। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने कानून-व्यवस्था से लेकर बाढ़ और सांप्रदायिकता तक के मुद्दों पर हंगामा किया, जिसके बाद एक विधायक को मार्शलों ने सदन से बेदखल कर दिया। कार्यवाही सुबह 11 बजे हंगामे के साथ शुरू हुई जब सदस्यों ने मांग की कि उनके स्थगन प्रस्तावों पर तुरंत चर्चा की जाए। पटना के बाहरी इलाके में दानापुर में मुख्यमंत्री की पार्टी के एक कार्यकर्ता की हत्या की सीबीआई जांच और भोजपुर में 1857 के विद्रोह के नायक वीर कुंवर सिंह के वंशज की रहस्यमयी मौत की न्यायिक जांच की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव पेश किए गए थे।

अध्यक्ष द्वारा स्थगन प्रस्तावों को ठुकराने पर मचा हंगामा
हालांकि, अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सदस्यों से उचित समय तक प्रतीक्षा करने को कहा लेकिन जब उन्होंने प्रश्नकाल के बाद स्थगन प्रस्तावों को पढ़ा और ठुकरा दिया तो सदन में उथल-पुथल मच गई। अध्यक्ष ने सदस्यों के वेल में प्रवेश करने पर नाराजगी जताई और उन्हें अपनी सीटों पर लौटने को कहा। महबूब आलम (भाकपा-माले), अरुण शंकर सिंह (कांग्रेस) और मुकेश रौशन (राजद) जैसे विधायकों ने इन हत्या के मामलों की ओर सदन का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये हत्याएं राज्य में खराब कानून व्यवस्था का नमूना है जहां मुख्यमंत्री भी सुरक्षित नहीं हैं।

गिरिराज सिंह के बयानों पर भी जताया ऐतराज
सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की भाषा पर भी चिंता व्यक्त की जो अपने लोकसभा क्षेत्र बेगूसराय में बार-बार हिंदुओं के उत्पीड़न का आरोप लगाते रहे हैं और स्थानीय प्रशासन पर तुष्टिकरण की राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाते रहे हैं। हंगामे के बीच अध्यक्ष ने एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल ईमान को बार-बार वेल में प्रवेश करने के लिए फटकार लगाई और उन्हें बाहर करने के लिए मार्शलों को बुलाया। बाद में अध्यक्ष ने राजद के मुख्य सचेतक ललित यादव द्वारा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के विधायक की ओर से खेद व्यक्त करने के बाद ईमान को निलंबित करने के अपने आदेश को रद्द कर दिया।

शराबबंदी से जुड़ा विधेयक पारित
बिहार विधानसभा ने बिहार मद्य निषेध और उत्पाद (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया। विधेयक में शराब के सेवन के लिए सजा का प्रावधान है। विधेयक राज्य सरकार को इस श्रेणी के अपराधों के लिए कुछ दंड निर्धारित करने का अधिकार देता है।

आबकारी मंत्री ने कही यह बात
बिहार के आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि आज शराबबंदी के कानून में कुछ संशोधन किए गए हैं। हमारा उद्देश्य है कि क़ानून को लागू करने में जो व्यवहारिक कठिनाइयां आ रही हैं और दोषियों को जल्द से जल्द सजा कैसे दिला सकते हैं। इस संबंध में कुछ बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति शराब पीते हुए पकड़ा जाएगा या शराब पीकर घूम रहा होगा। उसे कोर्ट के समक्ष नहीं एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा। एक ज़ुर्माना लगाया जाएगा। बार-बार ऐसा करने पर 1 महीने की जेल भी हो सकती है।

विस्तार

बिहार विधानसभा में बुधवार को भारी हंगामा हुआ। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने कानून-व्यवस्था से लेकर बाढ़ और सांप्रदायिकता तक के मुद्दों पर हंगामा किया, जिसके बाद एक विधायक को मार्शलों ने सदन से बेदखल कर दिया। कार्यवाही सुबह 11 बजे हंगामे के साथ शुरू हुई जब सदस्यों ने मांग की कि उनके स्थगन प्रस्तावों पर तुरंत चर्चा की जाए। पटना के बाहरी इलाके में दानापुर में मुख्यमंत्री की पार्टी के एक कार्यकर्ता की हत्या की सीबीआई जांच और भोजपुर में 1857 के विद्रोह के नायक वीर कुंवर सिंह के वंशज की रहस्यमयी मौत की न्यायिक जांच की मांग करते हुए स्थगन प्रस्ताव पेश किए गए थे।

अध्यक्ष द्वारा स्थगन प्रस्तावों को ठुकराने पर मचा हंगामा

हालांकि, अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सदस्यों से उचित समय तक प्रतीक्षा करने को कहा लेकिन जब उन्होंने प्रश्नकाल के बाद स्थगन प्रस्तावों को पढ़ा और ठुकरा दिया तो सदन में उथल-पुथल मच गई। अध्यक्ष ने सदस्यों के वेल में प्रवेश करने पर नाराजगी जताई और उन्हें अपनी सीटों पर लौटने को कहा। महबूब आलम (भाकपा-माले), अरुण शंकर सिंह (कांग्रेस) और मुकेश रौशन (राजद) जैसे विधायकों ने इन हत्या के मामलों की ओर सदन का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये हत्याएं राज्य में खराब कानून व्यवस्था का नमूना है जहां मुख्यमंत्री भी सुरक्षित नहीं हैं।

गिरिराज सिंह के बयानों पर भी जताया ऐतराज

सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की भाषा पर भी चिंता व्यक्त की जो अपने लोकसभा क्षेत्र बेगूसराय में बार-बार हिंदुओं के उत्पीड़न का आरोप लगाते रहे हैं और स्थानीय प्रशासन पर तुष्टिकरण की राजनीति में शामिल होने का आरोप लगाते रहे हैं। हंगामे के बीच अध्यक्ष ने एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल ईमान को बार-बार वेल में प्रवेश करने के लिए फटकार लगाई और उन्हें बाहर करने के लिए मार्शलों को बुलाया। बाद में अध्यक्ष ने राजद के मुख्य सचेतक ललित यादव द्वारा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के विधायक की ओर से खेद व्यक्त करने के बाद ईमान को निलंबित करने के अपने आदेश को रद्द कर दिया।

शराबबंदी से जुड़ा विधेयक पारित

बिहार विधानसभा ने बिहार मद्य निषेध और उत्पाद (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित किया। विधेयक में शराब के सेवन के लिए सजा का प्रावधान है। विधेयक राज्य सरकार को इस श्रेणी के अपराधों के लिए कुछ दंड निर्धारित करने का अधिकार देता है।

आबकारी मंत्री ने कही यह बात

बिहार के आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि आज शराबबंदी के कानून में कुछ संशोधन किए गए हैं। हमारा उद्देश्य है कि क़ानून को लागू करने में जो व्यवहारिक कठिनाइयां आ रही हैं और दोषियों को जल्द से जल्द सजा कैसे दिला सकते हैं। इस संबंध में कुछ बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति शराब पीते हुए पकड़ा जाएगा या शराब पीकर घूम रहा होगा। उसे कोर्ट के समक्ष नहीं एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा। एक ज़ुर्माना लगाया जाएगा। बार-बार ऐसा करने पर 1 महीने की जेल भी हो सकती है।

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