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बिहार: विधानसभा स्पीकर से सीएम नीतीश की कहासुनी पर तेजस्वी का वार, बोले- लोकतंत्र की हत्या की जा रही

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बिहार: विधानसभा स्पीकर से सीएम नीतीश की कहासुनी पर तेजस्वी का वार, बोले- लोकतंत्र की हत्या की जा रही

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना

द्वारा प्रकाशित: शिव शरण शुक्ला
अपडेट किया गया मंगल, 15 मार्च 2022 10:56 PM IST

सार

तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। मुख्यमंत्री को स्पीकर से सम्मानपूर्वक तरीके से बात करनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। हालांकि जब ये मामला विधानसभा में हुआ तब वे राजधानी पटना से भी बाहर थे।

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बिहार विधानसभा में सोमवार को स्पीकर से सीएम नीतीश की कहासुनी पर तेजस्वी यादव ने एक दिन बाद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने किसी भी विधानसभा में नहीं देखा था कि सदन का नेता स्पीकर को उंगली दिखाकर ऐसी भाषा में बात करे। आरोप लगाते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। मुख्यमंत्री को स्पीकर से सम्मानपूर्वक तरीके से बात करनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। हालांकि जब ये मामला विधानसभा में हुआ तब वे राजधानी पटना से भी बाहर थे।

बिहार की राजनीति में जब सरकार को घेरने का मौका होता है तब विपक्ष नदारद ही रहता है।सोमवार को भी यहां की विधानसभा में एक ऐसा वाकया हुआ जिसे धार देकर सरकार को घेरा जा सकता था, लेकिन हमेशा की तरह विपक्ष के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव सदन में थे ही नहीं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब उन्होंने बना बनाया मौका खुद ही गंवा दिया। अब उनका इस मामले पर बयान आया है।

क्या हुआ था सदन में

दरअसल, सोमवार को बिहार विधानसभा की कार्यवाही के शुरू होते ही भाजपा विधायक संजय सरावगी ने लखीसराय में हो रही लगातार हत्याओं को लेकर सवाल पूछा, उन्होंने इसमें की गई कार्रवाई की जानकारी चाही। इसको लेकर सरकार के प्रभारी गृह मंत्री ने जवाब दिया ले किन भाजपा विधायक इससे संतुष्ट नहीं हुए। इस दौरान सदन में मौजूद विपक्षी नेताओं ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इसी बीच सीएम नितीश कुमार ने हंगामा करने वालों की फटकार लगा दी। इस दौरान सीएम ने स्पीकर विजय सिन्हा को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने फटकार लगाते हुए कहा कि आप संविधान का खुलेआम संघर्ष कर रहे हैं। इस तरह से सदन नहीं चलेगा। एक ही मामले पर रोज-रोज हंगामा करने का कोई मतलब नहीं है।

विपक्ष के लिए बना मौका, लेकिन नेता प्रतिपक्ष नदारद

विधान सभा में सीएम के रवैये पर मजबूत विपक्ष होने के बाद भी आवाज तक नहीं आई। इसका कारण ये था कि विपक्ष के मुख्य नेता तेजस्वी यादव सहित तमाम विधायक सदन से नदारद थे। जब उनके बारे में जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि वे अपने एमएलसी उम्मीदवारों का नामांकन कराने के लिए राजधानी से बाहर हैं। वहीं हैरानी वाली बात ये भी है कि जब तेजस्वी यादव सदन की कार्यवाही में शामिल होने के लिए नहीं आते तब उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव भी सदन से नदारद रहते है। जब विपक्षी खेमे के दोनों मुख्य नेता ही सदन में नहीं आते तो विधायक भी आकर महज खानापूर्ति करके निकल जाते हैं।

किन-किन मौकों पर गायब रहे तेजस्वी

बिहार में बाढ़ से लेकर सूखा और इंसेफलाइटिस जैसी कई आपदाओं में तेजस्वी यादव दिखे तक नहीं हैं। पिछले साल महंगाई के खिलाफ अपनी ही पार्टी द्वारा किए गए आंदोलन में तेजस्वी सिर्फ हरी झंडी दिखाकर नदारद हो गए थे। कोरोना काल में जब स्थानीय नेता सड़कों पर थे, तब नेता प्रतिपक्ष बिहार की बजाय दिल्ली में थे। अभी हाल ही में रेलवे के एनटीपीसी परीक्षा को लेकर छात्रों ने केंद्र के खिलाफ आंदोलन किया था। विपक्ष में रहने के बावजूद तेजस्वी यादव ने इस आंदोलन में भी छात्रों का साथ नहीं दिया।

विस्तार

बिहार विधानसभा में सोमवार को स्पीकर से सीएम नीतीश की कहासुनी पर तेजस्वी यादव ने एक दिन बाद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने किसी भी विधानसभा में नहीं देखा था कि सदन का नेता स्पीकर को उंगली दिखाकर ऐसी भाषा में बात करे। आरोप लगाते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है। मुख्यमंत्री को स्पीकर से सम्मानपूर्वक तरीके से बात करनी चाहिए। इस दौरान उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए। हालांकि जब ये मामला विधानसभा में हुआ तब वे राजधानी पटना से भी बाहर थे।

बिहार की राजनीति में जब सरकार को घेरने का मौका होता है तब विपक्ष नदारद ही रहता है।सोमवार को भी यहां की विधानसभा में एक ऐसा वाकया हुआ जिसे धार देकर सरकार को घेरा जा सकता था, लेकिन हमेशा की तरह विपक्ष के प्रमुख नेता तेजस्वी यादव सदन में थे ही नहीं। ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब उन्होंने बना बनाया मौका खुद ही गंवा दिया। अब उनका इस मामले पर बयान आया है।

क्या हुआ था सदन में

दरअसल, सोमवार को बिहार विधानसभा की कार्यवाही के शुरू होते ही भाजपा विधायक संजय सरावगी ने लखीसराय में हो रही लगातार हत्याओं को लेकर सवाल पूछा, उन्होंने इसमें की गई कार्रवाई की जानकारी चाही। इसको लेकर सरकार के प्रभारी गृह मंत्री ने जवाब दिया ले किन भाजपा विधायक इससे संतुष्ट नहीं हुए। इस दौरान सदन में मौजूद विपक्षी नेताओं ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इसी बीच सीएम नितीश कुमार ने हंगामा करने वालों की फटकार लगा दी। इस दौरान सीएम ने स्पीकर विजय सिन्हा को भी नहीं छोड़ा। उन्होंने फटकार लगाते हुए कहा कि आप संविधान का खुलेआम संघर्ष कर रहे हैं। इस तरह से सदन नहीं चलेगा। एक ही मामले पर रोज-रोज हंगामा करने का कोई मतलब नहीं है।

विपक्ष के लिए बना मौका, लेकिन नेता प्रतिपक्ष नदारद

विधान सभा में सीएम के रवैये पर मजबूत विपक्ष होने के बाद भी आवाज तक नहीं आई। इसका कारण ये था कि विपक्ष के मुख्य नेता तेजस्वी यादव सहित तमाम विधायक सदन से नदारद थे। जब उनके बारे में जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि वे अपने एमएलसी उम्मीदवारों का नामांकन कराने के लिए राजधानी से बाहर हैं। वहीं हैरानी वाली बात ये भी है कि जब तेजस्वी यादव सदन की कार्यवाही में शामिल होने के लिए नहीं आते तब उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव भी सदन से नदारद रहते है। जब विपक्षी खेमे के दोनों मुख्य नेता ही सदन में नहीं आते तो विधायक भी आकर महज खानापूर्ति करके निकल जाते हैं।

किन-किन मौकों पर गायब रहे तेजस्वी

बिहार में बाढ़ से लेकर सूखा और इंसेफलाइटिस जैसी कई आपदाओं में तेजस्वी यादव दिखे तक नहीं हैं। पिछले साल महंगाई के खिलाफ अपनी ही पार्टी द्वारा किए गए आंदोलन में तेजस्वी सिर्फ हरी झंडी दिखाकर नदारद हो गए थे। कोरोना काल में जब स्थानीय नेता सड़कों पर थे, तब नेता प्रतिपक्ष बिहार की बजाय दिल्ली में थे। अभी हाल ही में रेलवे के एनटीपीसी परीक्षा को लेकर छात्रों ने केंद्र के खिलाफ आंदोलन किया था। विपक्ष में रहने के बावजूद तेजस्वी यादव ने इस आंदोलन में भी छात्रों का साथ नहीं दिया।

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