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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
द्वारा प्रकाशित: अमित मंडल
अपडेट किया गया गुरु, 17 फरवरी 2022 10:58 PM IST
सार
सदन की गरिमा और मर्यादा बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए बिड़ला ने कहा कि सदन की पवित्रता एक लोकतांत्रिक देश में सदस्यों के आचरण से जुड़ी होती है।
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विस्तार
बिरला ने कहा, आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो हमें अपने देश और अपने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए खुद को फिर से समर्पित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत में बहुदलीय संसदीय प्रणाली है और सरकारें आती-जाती रहती हैं लेकिन जो भी दल सत्ता में है उसे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सकारात्मक काम करने का प्रयास करना चाहिए। बिड़ला ने बिहार विधान सभा और परिषद के सदस्यों के लिए एक ओरिएंटेशन कार्यक्रम का उद्घाटन किया और विधायकों और एमएलसी की संयुक्त बैठक को संबोधित किया।
इस मौके पर राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह भी मौजूद थे। सदन की गरिमा और मर्यादा बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए बिड़ला ने कहा कि सदन की पवित्रता एक लोकतांत्रिक देश में सदस्यों के आचरण से जुड़ी होती है। इसलिए इसे बनाए रखना सदस्यों की सामूहिक जिम्मेदारी है। सदन वाद-विवाद और संवाद के लिए है न कि नियोजित व्यवधान के लिए।
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