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पीटीआई, पटना।
द्वारा प्रकाशित: देव कश्यप
अपडेटेड बुध, 13 अप्रैल 2022 01:55 AM IST
सार
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह ने नीतीश कुमार की पार्टी जदयू का दामन थाम लिया है। जदयू में शामिल होने के बाद अजित ने आरोप लगाया कि राजद में पार्टी कार्यकर्ताओं को आए दिन अपमानित किया जा रहा है, यही वजह है कि उस पार्टी में उनके जैसे लोग जदयू की ओर रुख कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजद का शीर्ष नेतृत्व कार्यकर्ताओं को धन संग्रह करने का एजेंट मानता है।
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विस्तार
इंजीनियर अजीत ने इस अवसर पर आरोप लगाया कि राजद में पार्टी कार्यकर्ताओं को आए दिन अपमानित किया जा रहा है, यही वजह है कि उस पार्टी में उनके जैसे लोग जदयू की ओर रुख कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजद का शीर्ष नेतृत्व कार्यकर्ताओं को धन संग्रह करने का एजेंट मानता है।
अजीत सिंह प्रभावशाली राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जा रहे उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने दावा किया है कि अब उच्च जातियों का समर्थन होने के कारण राजद ‘‘ए टू जेड’’ की पार्टी बन गई है।
अजीत ने आरोप लगाया कि, ‘‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि तेजस्वी यादव ने नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का विरोध किया था। यहां तक कि दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह जैसे नेता भी पार्टी के रुख से हैरान थे।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे रघुवंश प्रसाद सिंह ने लालू प्रसाद को अपने अंतिम दिनों में उनके साथ हुए अपमान का उल्लेख करते हुए एक भावनात्मक पत्र लिखा था। रघुवंश की 13 सितंबर 2020 को 74 वर्ष की आयु में नयी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में कोरोना वायरस संक्रमण की जटिलताओं के कारण मृत्यु हो गई थी। उनके बेटे सत्य प्रकाश उनकी मृत्यु के तुरंत बाद जद (यू) में शामिल हो गए थे।
लालू और तेजस्वी के करीबी माने जाने वाले जगदानंद सिंह ने फिलहाल इस घटनाक्रम पर चुप्पी साध रखी है। उनके बड़े बेटे सुधाकर सिंह रामगढ़ सीट से राजद विधायक हैं।
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