Home Bihar बिहार: राज्य की प्रजनन दर घटी, स्वास्थ्य मंत्री बोले- विकास के लिए अभी और घटाने की जरूरत

बिहार: राज्य की प्रजनन दर घटी, स्वास्थ्य मंत्री बोले- विकास के लिए अभी और घटाने की जरूरत

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बिहार: राज्य की प्रजनन दर घटी, स्वास्थ्य मंत्री बोले- विकास के लिए अभी और घटाने की जरूरत

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सार

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि “वर्ष 2005 में बिहार की कुल प्रजनन दर 4.2 थी, जो आज 17 वर्षों के बाद 3.0 पर पहुंच गई है। यह राज्य के विकास के लिए एक अच्छा संकेत है लेकिन यदि हमें परिवार कल्याण कार्यक्रम के प्रति सफलता हासिल करनी है तो प्रजनन दर को कम करके 2.0 पर लाना होगा।”

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बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने राज्य में घटते प्रजनन दर को विकास के लिए शुभ संकेत बताते हुए परिवार कल्याण कार्यक्रम की सराहना की।मंगल पांडेय ने बुधवार को कहा कि आबादी बढ़ने से सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है इसलिए परिवार कल्याण कार्यक्रम से राज्य के विकास में मदद मिलेगी।

पांडेय ने कहा कि “वर्ष 2005 में बिहार की कुल प्रजनन दर 4.2 थी, जो आज 17 वर्षों के बाद 3.0 पर पहुंच गई है। यह राज्य के विकास के लिए एक अच्छा संकेत है लेकिन यदि हमें परिवार कल्याण कार्यक्रम के प्रति सफलता हासिल करनी है तो प्रजनन दर को कम करके 2.0 पर लाना होगा। यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसे स्वीकार करना होगा और मिलकर स्वास्थ्य सेवा संबंधी सभी कार्यों को जनता तक पहुंचाना होगा।”

मंगल पांडेय ने यहां परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत राज्य स्तरीय एक दिवसीय वार्षिक कार्यशाला के दौरान कहा कि आजादी के समय से ही सरकार परिवार नियोजन को लेकर कार्य करती रही है। जनसंख्या पर नियंत्रण के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि आप सभी ने बेहतर कार्य किया है। आगे भी ऐसा कार्य करते रहे। आशा बहनों को भी जागरूक कर परिवार कल्याण कार्यक्रम में मदद ले सकते हैं। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने अपने संबोधन में उपस्थित स्वास्थ्यकर्मियों के बेहतर  कार्य की प्रशंसा की और आगे भी कार्य को बेहतर करने की सलाह दी।

पांडेय ने कहा कि समय-समय पर कार्यक्रमों में कुछ बदलाव जरूर हुए लेकिन उद्देश्य एक ही रहा परिवार नियोजन। इससे मानव जीवन के स्तर को बेहतर करने में मदद मिलेगी। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार एवं आधारभूत संरचनाओं के उचित विकास के प्रति बेहतर कार्य हो पाएंगे। इसके साथ ही राज्य और देश दुनिया के अन्य विकसित देशों की तुलना में आगे बढ़ेंगे।

मंत्री ने कहा कि बिहार का जनसंख्या घनत्व देश की आबादी की तुलना में लगभग तीन गुणा अधिक है। यदि जमीन कम और आबादी अधिक होगी तो उसका असर कृषि पर भी पड़ेगा। देश और राज्य को विकसित करने के लिए परिवार नियोजन को अपनाना ही होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए जितने भी उपाय हो उसे करना जरूरी है। सरकार नीतियां बनाती है लेकिन उसे जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी विभाग के सभी कर्मियों की होती है। सरकार की योजनाओं को फलीभूत करने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा।

विस्तार

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने राज्य में घटते प्रजनन दर को विकास के लिए शुभ संकेत बताते हुए परिवार कल्याण कार्यक्रम की सराहना की।मंगल पांडेय ने बुधवार को कहा कि आबादी बढ़ने से सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है इसलिए परिवार कल्याण कार्यक्रम से राज्य के विकास में मदद मिलेगी।

पांडेय ने कहा कि “वर्ष 2005 में बिहार की कुल प्रजनन दर 4.2 थी, जो आज 17 वर्षों के बाद 3.0 पर पहुंच गई है। यह राज्य के विकास के लिए एक अच्छा संकेत है लेकिन यदि हमें परिवार कल्याण कार्यक्रम के प्रति सफलता हासिल करनी है तो प्रजनन दर को कम करके 2.0 पर लाना होगा। यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। इसे स्वीकार करना होगा और मिलकर स्वास्थ्य सेवा संबंधी सभी कार्यों को जनता तक पहुंचाना होगा।”

मंगल पांडेय ने यहां परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत राज्य स्तरीय एक दिवसीय वार्षिक कार्यशाला के दौरान कहा कि आजादी के समय से ही सरकार परिवार नियोजन को लेकर कार्य करती रही है। जनसंख्या पर नियंत्रण के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम चलाया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि आप सभी ने बेहतर कार्य किया है। आगे भी ऐसा कार्य करते रहे। आशा बहनों को भी जागरूक कर परिवार कल्याण कार्यक्रम में मदद ले सकते हैं। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने अपने संबोधन में उपस्थित स्वास्थ्यकर्मियों के बेहतर  कार्य की प्रशंसा की और आगे भी कार्य को बेहतर करने की सलाह दी।

पांडेय ने कहा कि समय-समय पर कार्यक्रमों में कुछ बदलाव जरूर हुए लेकिन उद्देश्य एक ही रहा परिवार नियोजन। इससे मानव जीवन के स्तर को बेहतर करने में मदद मिलेगी। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार एवं आधारभूत संरचनाओं के उचित विकास के प्रति बेहतर कार्य हो पाएंगे। इसके साथ ही राज्य और देश दुनिया के अन्य विकसित देशों की तुलना में आगे बढ़ेंगे।

मंत्री ने कहा कि बिहार का जनसंख्या घनत्व देश की आबादी की तुलना में लगभग तीन गुणा अधिक है। यदि जमीन कम और आबादी अधिक होगी तो उसका असर कृषि पर भी पड़ेगा। देश और राज्य को विकसित करने के लिए परिवार नियोजन को अपनाना ही होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए जितने भी उपाय हो उसे करना जरूरी है। सरकार नीतियां बनाती है लेकिन उसे जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी विभाग के सभी कर्मियों की होती है। सरकार की योजनाओं को फलीभूत करने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा।

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