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अपने चाहनेवालों बीच किंग महेंद्र के नाम से पॉपुलर महेंद्र प्रसाद विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवार के रूप में रिकॉर्ड सातवीं बार राज्यसभा गए थे। आखिरी बार 2018 में जेडीयू सदस्य के रूप में राज्यसभा के लिए चुने गए थे, सीएम नीतीश कुमार की पार्टी का एनडीए के भीतर खाली सीट पर स्वाभाविक दावा है। टाइम्स ऑफ इंडिया के सूत्रों ने कहा कि बिहार में एनडीए के अन्य सहयोगी जेडीयू के लिए खाली सीट छोड़ने और उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार को अपना समर्थन देने पर सहमत हैं। इस उपचुनाव में चुने गए नए सदस्य का कार्यकाल 2 अप्रैल, 2024 को समाप्त होगा।
जेडीयू सूत्रों ने कहा कि अगर दिवंगत किंग महेंद्र के परिवार का कोई व्यक्ति पार्टी का उम्मीदवार बनने के लिए आता है, तो पार्टी नेतृत्व खुशी-खुशी स्वीकार कर लेगी। लेकिन अब तक उनके परिवार के किसी सदस्य ने दावा पेश नहीं किया है। किंग महेंद्र के परिवार के करीबी जेडीयू के कुछ नेता चाहते हैं कि उनके भाई भोला शर्मा उर्फ उमेश शर्मा पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उपचुनाव लड़ें। लेकिन उन्होंने अब तक न तो कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और न ही प्रस्ताव को अस्वीकार किया है।
अनिल हेगड़े और केसी त्यागी रेस में सबसे आगे?
जेडीयू के एक सीनियर नेता ने टीओआई को बताया कि अगर महेंद्र प्रसाद के परिवार का कोई सदस्य आगे नहीं आता है, तो पार्टी नेतृत्व संगठन से किसी व्यक्ति को चुनना पसंद करेगी। पार्टी के राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी अनिल हेगड़े, जो पिछले कई वर्षों से संगठन के चुनावों की निगरानी कर रहे हैं, और राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। अनिल हेगड़े कर्नाटक के मैंगलोर के मूल निवासी हैं। उन्हें नीतीश का करीबी माना जाता है। एक अन्य जदयू नेता ने कहा कि जब पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव और नीतीश के बीच संगठनात्मक मामलों को लेकर मतभेद थे, तो हेगड़े ने बिहार के मुख्यमंत्री का पक्ष लिया था।
जेडीयू सूत्रों ने कहा कि इससे पहले, केसी त्यागी फरवरी 2013 में एक उपचुनाव में जदयू के उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा गए थे। उनका कार्यकाल जुलाई 2016 में समाप्त हो गया था। केसी त्यागी को दो साल की अवधि के लिए पार्टी एक बार फिर राज्यसभा भेजना पसंद कर सकती है।
अफाक खान और रिटायर्ड आईपीएस की भी चर्चा
एक अन्य नेता ने कहा कि जदयू के राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद खान का नाम भी रेस में है। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर में विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत का नेतृत्व किया था। राज्यसभा उपचुनाव के लिए संभावित उम्मीदवार के रूप में उनके नाम की भी चर्चा है। जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार को कहा कि नीतीश के करीबी एक पूर्व आईपीएस अधिकारी के नाम पर भी विचार किया जा रहा है।
राज्यसभा उपचुनाव की अधिसूचना जारी हुए तीन दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक किसी भी व्यक्ति ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है। 19 मई नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तारीख है। जदयू के सूत्रों ने कहा कि जैसा कि अतीत में होता रहा है, सीएम नीतीश कुमार पार्टी के उम्मीदवार के नाम की घोषणा या तो नामांकन की अंतिम तिथि या एक दिन पहले करेंगे।
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