![बिहार में G-20 की तैयारी: ASI ने कला-संस्कृति विभाग को लिखा पत्र, मांगे प्राचीन पाटलिपुत्र के लकड़ी के स्लीपर बिहार में G-20 की तैयारी: ASI ने कला-संस्कृति विभाग को लिखा पत्र, मांगे प्राचीन पाटलिपुत्र के लकड़ी के स्लीपर](https://muzaffarpurwala.com/wp-content/uploads/https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/02/05/750x506/asi-patna-circle_1675596765.jpeg)
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![बिहार में G-20 की तैयारी: ASI ने कला-संस्कृति विभाग को लिखा पत्र, मांगे प्राचीन पाटलिपुत्र के लकड़ी के स्लीपर एएसआई, पटना सर्कल](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/02/05/750x506/asi-patna-circle_1675596765.jpeg?w=414&dpr=1.0)
एएसआई, पटना सर्कल
– फोटो : asipatnacircle.gov.in
विस्तार
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने बिहार सरकार से अनुरोध किया है कि वह प्राचीन पाटलिपुत्र की सुरक्षा दीवार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लकड़ी का एक स्लीपर अपने प्रदर्शनी हॉल में मुहैया कराए। इस हॉल को जी-20 प्रतिनिधियों की यहां की यात्रा के मद्देनजर अपग्रेड किया जा रहा है। एक अधिकारी ने रविवार को यह बात कही।
एएसआई पटना सर्किल की पुरातत्वविद गौतमी भट्टाचार्य ने बताया कि पुरातत्व सर्वेक्षणकर्ताओं ने राज्य के कला, संस्कृति और युवा मामलों के विभाग को पत्र लिखकर साल 1912 में खुदाई के दौरान मिली ऐसी प्राचीन सामग्रियों को कुम्हरार के नए हॉल में प्रदर्शनी के लिए उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है।
भट्टाचार्य ने बताया, बिहार में जी-20 प्रतिनिधियों की यात्रा को देखते हुए एएसआई ने पटना में अपने प्रदर्शनी हॉल को अपग्रेड किया है। अधिकारी ने कहा कि जी-20 के विदेशी प्रतिनिधियों के अप्रैल के बाद किसी भी समय बिहार का दौरा करने की उम्मीद है।
पुरातत्वविद ने बताया, ‘हमने बिहार सरकार से अनुरोध किया है कि हमें लकड़ी का एक स्लीपर मुहैया कराया जाए जिसका इस्तेमाल प्राचीन पाटलिपुत्र की सुरक्षात्मक दीवार के लिए किया गया था, जिसे कुम्हरार के प्रदर्शनी हॉल में प्रदर्शित किया जा सकता है। कुम्हरार पटना का वह इलाका है, जहां 1912 के बाद एएसआई द्वारा प्राचीन शहर पाटलिपुत्र के अवशेषों की खुदाई की गई थी।
गौतमी भट्टाचार्य ने बताया, 1912 के बाद एएसआई पटना सर्कल के तहत बुलंदीबाग, संदलपुर जैसे स्थानों पर खुदाई की गई थी। यहां से खुदाई से मिले लड़की के पैलिसेड का हिस्सा बनने वाली लकड़ी के स्लीपर मिले थे। इन्हें पटना संग्रहालय के स्टोर में रखा गया है।
उन्होंने पत्र में लिखा, इन स्लीपरों को न तो पटना संग्रहालय में और न ही बिहार संग्रहालय में प्रदर्शित किया गया है। इसलिए, यह हमारा विनम्र अनुरोध है कि आप कुम्हरार में नए प्रदर्शनी हॉल में प्रदर्शन के लिए एएसआई (पटना सर्कल) को ऐसे एक स्लीपर दें।
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