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पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सोमवार की शाम राज्य मंत्रिमंडल की बैठक संपन्न हुई. बैठक में कुल 14 एजेंडे पर मुहर लगाई गई है जिसमें सबसे महत्वपूर्ण शराबबंदी संशोधन कानून 2022 के तहत जुर्माने की राशि और मजिस्ट्रेट के अधिकारों को अधिसूचित करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया. कैबिनेट के फैसले के अनुसार राज्य सरकार के कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों को एक अप्रैल, 2022 से तीन प्रतिशत महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की गई है.
बिहार में शराबबंदी संशोधन बिल के कानून का रूप लेने में ज्यादा दिन शेष नहीं है. बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों- विधानसभा और विधान परिषद से यह पास कर दिया गया है. राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद यह नया कानून प्रभावी हो जाएगा. इस नए कानून के तहत शराब पीते पकड़े जाने पर लोगों के लिए सजा के मामले पर पहले जो असमंजस की स्थिति थी, वो अब पूरी तरह से दूर हो गई है. पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाने पर लोग जुर्माना देकर छूट सकते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वो पुलिस और मजिस्ट्रेट के सामने धौस दिखाएंगे.
यदि उनका व्यवहार ठीक नहीं रहा तो उन्हें जेल भी भेजा जाना तय है. पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाने पर आरोपियों को दो हजार से लेकर 5,000 रुपये तक का जुर्माना किया जाएगा. जुर्माने की राशि कितनी होगी, यह कार्यपालक पदाधिकारी के सामने पेशी में तय होगा. हालांकि नए कानून का मतलब यह भी नहीं है कि शराब पीने वाले के पास यह अधिकार होगा कि वो केवल जुर्माना भरकर छूट जाए. बल्कि उसे जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.
वहीं, दूसरी बार शराब पीने पर पकड़े जाने की हालत में संबंधित आरोपी को अनिवार्य रूप से एक वर्ष की जेल की सजा का प्रावधान किया गया है.
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