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Bihar Politics: बिहार की सियासत राम के मुद्दे पर गरमाई हुई है। सत्ताधारी महागठबंधन रामचरितमानस को लेकर आमने-सामने है। जेडीयू और आरजेडी के बीच महाभारत जारी है। दूसरी ओर जेडीयू का कहना है कि बीजेपी के इशारे पर ये सब किया जा रहा है। बीजेपी महागठबंधन को तोड़ने की कोशिश कर रही है।
जेडीयू का आरोप- बीजेपी के इशारे पर हो रहा काम
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी कहते हैं कि यह मामला पूरी तरह राजद का है और राजद का नेतृत्व इस मामले को लेकर निर्णय लेने में सक्षम है। जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा तो यहां तक कह रहे हैं कि यह भाजपा के इशारे पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भाजपा महागठबंधन को तोड़ने की साजिश रच रही है। उन्होंने भी कहा कि शिक्षा मंत्री के बयान को कभी सही नहीं ठहराया जा सकता।
देश का सबसे बड़ा ग्रंथ भारत का संविधान
इधर, राजद के नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सोमवार को फिर से दोहराया कि देश का सबसे बड़ा ग्रंथ भारत का संविधान है और उसी के अनुसार भारत चलेगा। संविधान सभी धर्मों का सम्मान करने की बात करता है। उन्होंने हालांकि शिक्षा मंत्री के बयान पर साफ शब्दों में तो कुछ नहीं कहा। तेजस्वी यादव रविवार को इतना जरूर कहा था कि बयानवीरों से गठबंधन नहीं है। बयानवीरों पर सबकी नजर है।
बीजेपी बोली- शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करो
हालांकि तेजस्वी यादव शिक्षा मंत्री के बयान पर खुल कर कुछ नहीं बोल रहे हों, लेकिन राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने मंत्री के बयान से सहमत नहीं है। शिवानंद तिवारी कहते हैं कि रामचरितमानस केवल भेदभाव पैदा करने वाला ग्रंथ नहीं है। इधर, भाजपा इस मुद्दे को हवा देने में जुटी है। भाजपा के नेता इस मुद्दे को लेकर अभी भी शिक्षा मंत्री से माफी मांगने या मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं।
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