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बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार को यूरिया, डीएपी और अन्य उर्वरकों की प्रचुर मात्रा में आपूर्ति की, लेकिन राज्य सरकार की वितरण व्यवस्था फेल होने के कारण उर्वरक किसानों के बजाय कालाबाजारियों और तस्करों के पास पहुंच रहा है। सुशील मोदी ने यह भी कहा कि खाद का कोई किल्लत नहीं है, लेकिन विभागीय मंत्री गलतबयानी कर केंद्र को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ महीने में बिहार को 2.41 लाख मीट्रिक टन यूरिया मिला और बिक्री के बाद भी 1.68 लाख मीट्रिक टन स्टॉक में पड़ा है। इसके अलावा इस साल अक्टूबर में 1.84 लाख मीट्रिक टन और नवम्बर में 93 हजार मीट्रिक टन यूरिया बिहार को मिला है।
अफसरों की मिलीभगत से कालाबाजारी और नेपाल में तस्करी रोके सरकार: सुशील मोदी
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि रबी फसल को ध्यान में रख कर केंद्र सरकार ने बिहार को यूरिया और डीएपी उर्वरक के 122 रैक अक्टूबर माह में और 17 नवम्बर तक 85 रैक उपलब्ध कराये, लेकिन राज्य सरकार ने इसे किसानों तक पहुंचाने की चिंता नहीं की। उन्होंने कहा कि बिहार को 1.62 लाख मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक की आपूर्ति की गई और बिक्री के बाद यह 90 हजार मीट्रिक टन स्टॉक में है, फिर भी कमी का रोना रोया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार को अफसरों की मिलीभगत से होने वाली खाद की कालाबाजारी और नेपाल सीमा से होने वाली तस्करी रोकने पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए।
आरजेडी में सुशील कुमार मोदी के आंकड़ों को बताया झूठा
केंद्र सरकार द्वारा बिहार को दिए गए यूरिया के आंकड़े को गलत बताते हुए आरजेडी ने सुशील कुमार मोदी पर निशाना साधा। आरजेडी प्रवक्ता चितरंजन गजब ने कहा कि रबी की बुआई के समय भी केंद्र सरकार द्वारा बिहार को जरूरत से काफी कम मात्रा में खाद की आपूर्ति की गई है। आरजेडी प्रवक्ता का कहना है कि बिहार को जरूरत है 56 हजार एमपीओ की जबकि, केंद्र सरकार द्वारा महत्व 17,473 टन की ही आपूर्ति की गई है। इसके साथ ही आरजेडी का यह भी कहना है कि बिहार को 2,55,000 टन यूरिया की जरूरत है लेकिन केंद्र सरकार द्वारा मात्र 89,885 टन यूरिया की ही आपूर्ति की गई है।
बिहार के कृषि मंत्री ने क्या कहा था
बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि केन्द्र से जरूरत के मुताबिक खाद नहीं मिल रही है। यूरिया की सबसे अधिक कमी है। 18 नवम्बर तक केन्द्र ने हमें आवश्यकता की तुलना में सिर्फ 37 प्रतिशत यूरिया दिया है। 15 दिसंबर तक गेहूं की खेती के लिए 2 लाख 55 हजार टन यूरिया चाहिए। इसकी क्या गारंटी है कि अगले 15-20 दिन में हमें शेष 63 फीसदी यूरिया केन्द्र दे देगा। उन्होंने कहा कि बिहार को 1,22,300 मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत के विरुद्ध महज 70 प्रतिशत ही आवंटन मिला है, जबकि कम से कम 90 प्रतिशत हमें मिल जाना चाहिए था।
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