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पांच वर्ष पूर्व हो चुकी है मौत
बताया गया है कि सीतामढ़ी जिले के परिहार प्रखंड के परिहार उत्तरी पंचायत के मो. निसार ने मनरेगा पीओ से शिकायत की है कि मजदूर नवल किशोर पासवान की मृत्यु पांच वर्ष पूर्व हो चुकी है। बावजूद वर्ष – 22 में सरकारी कागज पर उसे मजदूरी करता बताया गया है। कागजात के अनुसार, मृतक पासवान मनरेगा की योजनाओं में कोई एक-दो नही, बल्कि कई माह तक काम किया है। लोगों को इसका पता तब चला, जब मृतक के खाते में दिसंबर- 22 से जनवरी- 23 के बीच मजदूरी का 2520 रूपया आया। यह बात जानकर अन्य लोग खामोश रहे, लेकिन पंचायत के मो. निसार ने पीओ से इसकी शिकायत कर दी है।
बराबर नदारद रहते है रोजगार सेवक
निसार ने आवेदन के माध्यम से मनरेगा पीओ से यह भी शिकायत की है कि उसके पंचायत के रोजगार सेवक बराबर नदारद ही रहते है। वो घर से अधिकांश कार्य करते है। निसार ने दोनों शिकायतों को गंभीरता से लेने एवं जांच करा दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। इधर, परिहार प्रखंड के मनरेगा पीओ राकेश कुमार ने बताया कि दोनों शिकायतों की जांच कराई जाएगी और जो भी तथ्य सामने आयेगा, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। कहा कि आश्चर्य उन्हें भी है कि मृत व्यक्ति लेवर का काम कैसे कर लिया और उसके खाते में मजदूरी की राशि भी चली गई गई।
सहरसा से आया था ऐसा मामला
आपको बता दें कि मुर्दे की मजदूरी करने का मामला अप्रैल 2022 में सहरसा से भी आया था। जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ था। मामला सहरसा के सोनवर्षाराज इलाके का था। जिसमें महुआ उत्तरबाड़ी पंचायत के वार्ड नं पांच निवासी परमानंद मंडल का लगभग दो वर्ष पूर्व मौत हो गई थी। लेकिन मनरेगा विभाग के नजर में परमानन्द मंडल न सिर्फ जीवित था बल्कि मजदूरी भी कर रहा था। परमानंद ने मनरेगा योजना के तहत नहर उड़ाही कार्य में 24 दिनों तक मजदूरी भी किया। जिसकी मजदूरी मनरेगा ने मृतक के खाते में 4752 रुपये का भुगतान कर दिया। विभाग उसके खाते में पैसा भेजता रहा। बाद में मृतक के पुत्र को खाते में मनरेगा से रुपये आने की जानकारी मिली। उसके बाद पैसे निकासी के लिए जब गांव का दूसरा व्यक्ति पहुंचा, तो मामले का खुलासा हो गया। इस मामले में सामने आया कि फर्जी तरीके से मजदूरों का नाम योजना में देकर कथित ठेकेदार के माध्यम से रुपये निकासी की जाती है। स्थानीय लोगों ने कहा था कि इस मामले की जांच हो तो बड़ा घोटाला सामने आएगा।
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