Home Bihar बिहार में बड़े पैमाने पर IAS-IPS ट्रांसफर को लेकर सियासत तेज, रिटायर्ड अधिकारियों और BJP ने लगाया बड़ा आरोप

बिहार में बड़े पैमाने पर IAS-IPS ट्रांसफर को लेकर सियासत तेज, रिटायर्ड अधिकारियों और BJP ने लगाया बड़ा आरोप

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बिहार में बड़े पैमाने पर IAS-IPS ट्रांसफर को लेकर सियासत तेज, रिटायर्ड अधिकारियों और BJP ने लगाया बड़ा आरोप

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पटना. नीतीश सरकार ने 8 अप्रैल को बड़े पैमाने पर बिहार में आईएएस और आईपीएस अफसरों का तबादला कर किया है. सरकार द्वारा किए गए इस तबादले का पूर्व आईपीएस अफसरों ने विरोध किया है. मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने भी इसे राजनीतिक ट्रांसफर करार दिया है. सरकार के इस फैसले के बाद बिहार में राजनीति भी गरमा गई है. बिहार सरकार के रिटायर्ड आईपीएस अफसर सुधीर कुमार सिंह ने  नीतीश सरकार द्वारा 8 अप्रैल को बड़े पैमाने पर किए गए आईएएस और आईपीएस अफसरों के तबादले को लेकर न केवल सवाल खड़ा बल्कि अपने सेवा काल का अनुभव भी सांझा किया है.

रिटायर्ड आईपीएस अफसर सुधीर कुमार सिंह ने इसे चुनावी ट्रांसफर करार देते हुए कई बेहतरीन अफसरों को फील्ड से हटाने पर फील्ड से हटाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. सुधीर कुमार सिंह के अलावा दूसरे रिटायर्ड अफसरों ने भी इस तबादले को लेकर सवाल उठाया है. रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी उमेश कुमार सिंह की मानें तो इस तबादले में कई बेहतरीन अफसरों को फील्ड से हटाना सही नही है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जबकि राज्य में कानून व्यवस्था पटरी पर नहीं है.

आपके शहर से (पटना)

मामला रिटायर्ड आईपीएस अफसरों द्वारा उठाए गए सवाल तक ही नहीं है. बिहार में मुख्य विपक्षी भाजपा ने भी सरकार पर हमला बोला है. भाजपा की माने तो सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर किया गया यह स्थानांतरण राजनीति स्वार्थ बस लिया गया फैसला है. भाजपा नेता निखिल आनंद ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बिहार के गृह मंत्री हैं और तबादले की सूची इस बात को साबित करती है की तबादला केवल राजनीतिक और जातीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए किया गया है. हालांकि सत्तारूढ़ दल जदयू और कांग्रेस इसे अनर्गल प्रलाप बताने में लगा है. इन पार्टियों के नेताओं की मानें तो ट्रांसफर एक रूटीन वर्क है और सरकार समय-समय पर अधिकारियों का स्थानांतरण प्रशासनिक दृष्टिकोण से ध्यान में रखते हुए करती रही है. जदयू प्रवक्ता मनजीत सिंह ने भाजपा पर अनर्गल प्रलाप करने का आरोप लगाया है ।उधर कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने कहा है कि तबादले पर सवाल खड़ा करने वाले पुलिस अधिकारी भाजपा के दबाव में हैं या फिर उनसे  मिलें हुए है.

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बहरहाल अधिकारियों के तबादले पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तकरार कोई नई बात नहीं है. लेकिन पूर्व अधिकारियों ने जिस तरीके से तबादले के आधार पर अपने सेवाकाल के अनुभव को साझा किया है उससे यही पता चलता है कि बिहार में तबादले का खेल पुराने समय से ही चलते आ रहा है लेकिन मौजूदा समय में बिहार की राजनीति तबादले को लेकर पूरी तरह गरमा गई है.

टैग: बिहार के समाचार, आईपीएस स्थानांतरण, पटना न्यूज अपडेट

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