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पटना. बिहार में धर्मांतरण का खेल पिछले कई वर्षों से लगातार जारी है. स्थिति ये हो गई है कि बड़े पैमाने पर इस खेल के कारण बिहार में ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है. आंकड़े चौंकाने वाले हैं और जानकार इसके पीछे बड़ी साजिश बता रहे हैं.
बिहार में हिंदुओं को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण करने का मामला कई बार सामने आ चुका है. कई ऐसे मामले आए, जिसके बाद काफी विरोध भी हुआ. एक खास एजेंडा के तहत बिहार जैसे राज्यों में धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है. आंकड़े बताते हैं कि बिहार में ईसाई की संख्या में 143.23 प्रतिशत तक ग्रोथ हुआ है.
बिहार में कई ऐसे जिले हैं, जहां ईसाइयों की संख्या 1991 में महज 40 थी, वहां आज इनकी संख्या हजारों में है. पूर्व विधान पार्षद और विचारक हरेंद्र प्रताप मानते हैं कि पिछले वर्षों में बिहार में ईसाइयों और मुसलमानों की जनसंख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. पिछली जनगणनाओं के आंकड़े के मद्देनजर हरेंद्र प्रताप का कहना है कि ईसाइयों की संख्या में वृद्धि बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा खतरा बनता जा रहा है.
आपके शहर से (पटना)
आंकड़ों की बात करें तो 1971 – 1981 में हुए जनगणना के अनुसार ईसाइयों की आबादी का बिहार में 8.79 प्रतिशत ग्रोथ था. 1971 में ईसाइयों की जनसंख्या 34448 थी, जो 1981 में बढ़कर 37453 हो गई.
हालांकि 1991 में इनकी जनसंख्या घटकर 30970 हो गयी. लेकिन वर्ष 2001 के जनगणना के अनुसार इनकी आबादी बढ़कर 53137 हो गई. ग्रोथ रेट 71.57% हो गया. 2011 में हुए जनगणना के अनुसार बिहार में ईसाइयों की आबादी 129247 हो गई और ग्रोथ रेट बढ़कर 143.23% हो गया. जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ग्रोथ सिर्फ 15.52% था.
बिहार के कई ऐसे जिले हैं जहां ईसाइयों की आबादी में हुई वृद्धि चौंकाने वाली हैं. 1991 में मधुबनी जिला में जनगणना के अनुसार कुल 40 ईसाई थे. 2001 में इनकी संख्या 190 हुए और 2011 में इनकी संख्या बढ़कर 3262 हो गई. इनका प्रतिशत देखे तो 8055 फीसदी जनसंख्या में वृद्धि हुई है.
दरभंगा में 1991 में 141 थे. 2001 में इनकी संख्या बढ़कर 781 हो गई और 2011 में 3534. इनका प्रतिशत देखे तो 2406.38 प्रतिशत
खगड़िया में 1991 में सिर्फ 27 ईसाई थे जिसके बाद 2001 में इनकी संख्या 104 हुई और 2011 में 1253. ग्रोथ रेट 4540.74 प्रतिशत
शेखपुरा में 1991 में सिर्फ 14 ईसाई थे. 2001 में इनकी संख्या बढ़कर 375 हुई और 2011 में 313. इनका वृद्धि प्रतिशत 2135.71 है.
औरंगाबाद में 1991 में 63 ईसाई थे. इनकी संख्या 2001 में 297 हुई और 2011 में बढ़कर 2218 हो गई. वृद्धि प्रतिशत 3420.63
गोपालगंज में ईसाई की संख्या 1991 में 119 थी, जो 2001 में बढ़कर 158 हो गए और 2011 में 2463 हो गई. वृद्धि प्रतिशत 1969.74
सीवान में 1991 में सिर्फ 126 ईसाई थे. इनका आंकड़ा बढ़कर 2001 में 201 हुआ और 2011 में 2618 हो गया. वृद्धि दर 1977.77
ये आंकड़े पूर्व विधान पार्षद और विचारक हरेंद्र प्रताप के द्वारा जनगणना के अनुसार इकट्ठा किए गए हैं.
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प्रथम प्रकाशित : 21 नवंबर, 2022, रात 10:18 बजे IST
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