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तेजस्वी पर हमला
उन्होंने सवाल किया कि क्या अगस्त 2022 में महागठबंधन की सरकारी बनी थी तब से अबतक कोई कैबिनेट की बैठक नहीं हुई क्या? उन्होंने कहा कि बिहार में आज शराब और बालू माफियाओं का सबसे बड़ा फलता फूलता कारोबार है। शराब की दुकानें बंद है लेकिन होम डिलीवरी चालू है। उनकी पदयात्रा अबतक लगभग 2500 किमी से अधिक की दूरी तय कर चुकी है। प्रशांत किशोर ने कहा कि लोगों को डर था कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ जाएगी और यही हो रहा है।
बिहार में अपराध की स्थिति
लोग बताते हैं कि इस साल 15 से ज्यादा मुखियाओं को गोली मार दी है और 6 से ज्यादा सरपंचों की हत्या कर दी गई है। महागठबंधन सरकार बनने के बाद जो डर लोगों के मन में था वो बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। गोलीबाजी, मर्डर,अपहरण, रंगदारी और हत्या और डकैती की घटनाएं बहुत तेजी से बढ़ रही है। इससे पूर्व पीके ने नीतीश कुमार की कई मामलों में तारीफ भी की थी। पीके ने 12 अप्रैल को दिये अपने बयान में कहा था कि वंशवाद लोकतंत्र के लिए घातक है। पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा था कि वंशवाद आज समाज की सच्चाई है और इसके साथ ही राजनीतिक व्यवस्था की भी सच्चाई है।
पहले की थी नीतीश की तारीफ
उन्होंने कहा था कि वर्ष 1952 में दो तिहाई से ज्यादा सांसद 50 वर्ष से कम आयु के थे। आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वंशवाद की राजनीति नहीं कर रहे हैं, लेकिन यह भी सच है कि जदयू में पार्टी का नेता वही बनेगा जिसे नीतीश कुमार चाहेंगे। प्रशांत ने आगे कहा था कि गलती सोनिया गांधी और लालू यादव में नहीं है कि वो वंशवाद कर रहे हैं। कोई भी अपने बेटे को आगे बढ़ाना ही चाहेगा। कमी उस दल में हैं जहां दल का मालिकाना हक किसी एक इंसान के हाथ में दे दी जाती है।
राजनीति में वंशवाद-पीके
प्रशांत किशोर ने कहा था कि बिहार में पार्टी अगर बिहार के लोगों का होगा तभी आप उस से निकल पाएंगे। वंशवाद तब खत्म होगा जब पूरे बिहार के लोग मिलकर अपना दल बनाएंगे, तब सबको अपने बच्चों की चिंता होगी और लोग वंशवाद नहीं करेंगे। प्रशांत किशोर ने कहा था कि बिहार में आज सरकार की जवाबदेही खत्म हो गई है। सरकार को समझ आ गया है कि वह कुछ करे न करें लोग उनको वोट करते रहेंगे। उन्होंने ये भी कहा था कि नेताओ के अंदर से डर खत्म हो गया है, उन्हें पता चल गया है कि जाति और धर्म के नाम पर उन्हें वोट मिल जाएगा इसलिए वह काम करने का इरादा छोड़ दिए हैं। प्रशांत 2 अक्तूबर 2022 से अपनी जन सुराज पदयात्रा के माध्यम से बिहार के गांवों का दौरा कर रहे हैं। उनकी पदयात्रा अबतक लगभग 2500 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुकी है।
इनपुट-आईएएनएस, एजेंसी
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