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पटना. बिहार में जातीय जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज एक बड़ी बैठक होने जा रही है. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में शाम चार बजे से होने वाली इस मीटिंग में 9 दलों के 10 नेता शामिल होंगे. मिली जानकारी के अनुसार इसमें जातिगत जनगणना की रूपरेखा तैयार की जाएगी. इस बैठक में सर्वसम्मति से जो फैसला होगा उसे कैबिनेट में से मंजूरी मिलेगी और उसके बाद बिहार में प्रदेश में जातीय जनगणना होगी. बता दें कि बिहार के सभी राजनीतिक दलों की राय से सर्वदलीय बैठक कराने का फैसला लिया है.
बताया जा रहा है कि सभी राजनीतिक पार्टियों की इस बैठक में आए सुझावों के आधार पर राज्य में जातीय जनगणना कराए जाने का प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में भेजा जाएगा. राज्य कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस पर अमल शुरू होगा. बुधवार की बैठक में भाजपा, राजद, जदयू, माकपा, भाकपा, भाकपा माले, लोजपा के दोनों गुट समेत कुल 9 पार्टियां शामिल हो रही हैं. सर्वदलीय बैठक पर जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कारण ही बिहार में जातिगत जनगणना पर सर्वदलीय बैठक संभव हो पाया है. वह शुरू से जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में रहे हैं.
वहीं, जातीय जनगणना को लेकर हो रही इस बैठक पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जातिगत जनगणना पर जो सर्वदलीय बैठक होने जा रही है इसका श्रेय तेजस्वी यादव को जाता है, क्योंकि लालू यादव शुरू से है जातिगत जनगणना के पक्ष में रहे हैं. दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने कहा कि बिहार की सभी पार्टियां जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में हैं, बिहार के लिए जातिगत जनगणना बहुत जरूरी है.
इस संबंध में संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को कहा कि बैठक में बिहार में जातीय जनगणना किस तरह कराई जाए, इसकी रूपरेखा पर विचार-विमर्श होगा. विधानसभा में प्रतिनिधित्व वाले सभी दलों को जातीय जनगणना की बैठक में बुधवार को बुलाया गया है. मंत्री ने भी दलों को सर्वदलीय बैठक में भाग लेने की अपील की है. उन्होंने यह भी दावा किया कि सभी दल जाति आधारित जनगणना कराने पर सहमत हैं.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि जातीय जनगणना कराने के लिए हम लोगों ने विधानसभा से दो बार सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा था. साथ ही सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करने भी गया था. केंद्र ने बताया कि अब विलंब हो गया है चीजें काफी आगे बढ़ गयी हैं, अब उसका फॉर्मेट बदलना संभव नहीं है. केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि अगर कोई राज्य सरकार चाहे, तो अपने स्तर से इसे करा सकती है. इसी कारण बिहार की नीतीश सरकार ने जातीय जनगणना करवाने का निर्णय लिया है.
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प्रथम प्रकाशित : 01 जून 2022, 10:12 AM IST
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