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ओवैसी का प्लान एक्टिव
इधर, ओवैसी की सक्रियता के बाद महागठबंधन के दल भी सतर्क है। राजद के अलावा खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एआईएमआईएम को भाजपा की बी टीम बता कर महागठबंधन के वोटबैंक को सहेजने की कोशिश कर रहे हैं। इधर, एआईएमआईएम (AIMIM) के पांच में चार विधायकों को राजद में सम्मिलित करने की घटना को ओवैसी नहीं भूले हैं।
बिहार में बड़ा खेल करेंगे ओवैसी
यही कारण उनकी नजर राजद के वोटबैंक में सेंध लगाने की है। एआईएमआईएम (AIMIM) के एक नेता कहते भी हैं को एआईएमआईएम (AIMIM) को मुसलमानों का ही वोट मिलता है। इन वोटों के जरिए पार्टी लोकसभा की तैयारी प्रारंभ कर दी है। ऐसे में साफ है कि एआईएमआईएम को जितना भी वोट मिलेगा उसका नुकसान महागठबंधन को उठाना पड़ेगा।
सीमांचल में ओवैसी की पकड़ मजबूत
ओवैसी सीमांचल के दौरे में वंशवाद और विकास के मुद्दे को छेड़कर भी साफ कर दिया है कि राजद और नीतीश (Nitish Kumar)उनके निशाने पर हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने पांच सीटों पर जीत दर्ज कर अपनी ताकत का एहसाए करा दिया है। ऐसे में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में एआईएमआईएमकी नजर बिहार पर है। एआईएमआईएम के सीमांचल में राजद से नाराज नेताओं के साथ मिलने की पूरी संभावना है। ऐसे में भी महागठबंधन ओवैसी की सक्रियता के बाद सतर्क है।
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