Home Bihar बिहार में अति पिछड़ों को लेकर सियासत तेज : बीजेपी ने बनाई ये कमेटी… नीतीश-लालू पर साधा निशाना

बिहार में अति पिछड़ों को लेकर सियासत तेज : बीजेपी ने बनाई ये कमेटी… नीतीश-लालू पर साधा निशाना

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बिहार में अति पिछड़ों को लेकर सियासत तेज : बीजेपी ने बनाई ये कमेटी… नीतीश-लालू पर साधा निशाना

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पटना : बिहार में नगर निकाय चुनाव (Bihar Nagar Nikay Chunav) को लेकर हाईकोर्ट (Patna High Court) के फैसले के बाद सियासी पारा चढ़ा हुआ है। बिहार में ऐसे भी जातियों को लेकर खूब राजनीति होती रही है। यहां कई सरकारें भी जातियों के वोटबैंक को लेकर बनी और गिरी भी। इस बीच, हाल के दिनों में पिछड़ी जाति को लेकर खासकर अति पिछड़ों को लेकर सियासत खूब हो रही है। बीजेपी-जेडीयू सहित कई पार्टियां खुद को इनकी सबसे ज्यादा शुभचिंतक साबित करने में जुटी हैं। जिससे इनके वोट को साधा जा सकेगा। ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच जुबानी जंग भी तेज है।

बीजेपी ने बनाई सामाजिक न्याय समिति
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) ने कहा कि लालू यादव (लालू यादव) और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अति पिछड़ों के साथ जो अन्याय किया, उन कमियों (विसंगतियों) को दूर करने के लिए बीजेपी ने सामाजिक न्याय समिति का गठन किया है। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री डॉ भीम सिंह की अध्यक्षता में गठित इस तीन सदस्यीय समिति ने पिछले 20 से 25 दिनों में मामले से जुड़े सभी कागजातों का अध्ययन किया। एक सार पत्र तैयार किया है, जिसे पिछड़ा आयोग और अति पिछड़ा आयोग को सौंपा गया।

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लालू-नीतीश पर तगड़ा अटैक
संजय जायसवाल ने कहा कि इस पत्र के जरिए बीजेपी यह कोशिश करेगी जिन कमियों के कारण लालू यादव और नीतीश ने अति पिछड़ों के साथ अन्याय किया है, उनको दूर किया जा सके। इधर, जदयू के नेता और समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने केंद्र सरकार की दोहरी नीति को देखते हुए बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि छह दिसंबर से केसरिया से मुजफ्फरपुर, वैशाली होते हुए 12 दिसंबर को गांधी मैदान तक आरक्षण पद यात्रा किया जाएगा।

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जेडीयू ने चला ये दांव
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अतिपिछड़ा समाज के 500 स्थायी तौर पर नेतृत्वकर्ता आरक्षण अधिकार पदयात्रा में हिस्सा लेंगे। प्रतिदिन हजारों लोग पदयात्रा में शामिल होंगे। मदन सहनी का कहना है कि मल्लाह, निषाद (बिंद, बेलदार, तीयर, खुलहट आदि ) तुरहा और राजभर आदि जाति के आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक, राजनीतिक और रोजगार में पिछड़ेपन को देखते हुए अनुसूचित जाति और जनजाति में अधिसूचित करने के लिए पीएम को पत्र लिखा गया है। इधर, वीआईपी के नेता मुकेश सहनी भी निषादों के आरक्षण की मांग कर रहे हैं।

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