
[ad_1]
केस रिव्यू के दौरान खुलासा
इस केस के जांचकर्ता रामा शंकर प्रसाद ने बताया की वे अपने अधिकारियों के साथ लंबित कांडों की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान एक जून 2018 में बोचहां थाना क्षेत्र के एक नाबालिग का केस सामने आया। इसके बाद संबंधित अधिकारी को केस की जांच करने और लड़की के स्वजन और आरोपितों के स्वजन से जानकारी लेने को कहा। इसके बाद मामले में जांच में पाया गया कि लड़की दिल्ली पुलिस में कांन्स्टेबल में कार्य कर रही है। इसके बाद लड़की से संपर्क किया गया और उसे अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया। लड़की से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसके पिता एक मजदूर हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी। कभी उसने सोचा कि कुछ कर दिखाना है और लड़की दिल्ली चली गई। वहां पढ़ाई शुरू कर दी। इस दौरान दिल्ली पुलिस कांस्टेबल में उसका सिलेक्शन हो गया और अभी वो ट्रेनिंग कर रही है।
परिजनों ने दर्ज कराया था केस
वर्ष 2018 में लड़की के परिजनों ने अपहरण का मामला दर्ज कराया था। लड़की उसी दौरान भागकर दिल्ली गई। पढ़ाई कर दिल्ली पुलिस में नौकरी करने लगी। वहीं दिल्ली से बयान दर्ज कराने के लिए मुजफ्फरपुर पहुंची लड़की ने साफ कहा कि उसके माता-पिता बिना उसकी मर्जी के शादी कराना चाहते थे। उसे ये मंजूर नहीं था। उसे जीवन में कुछ बनना था। उसे अपनी पढ़ाई पूरी करनी थी। अफसर बनने का ख्वाब देख रही थी। लड़की ने बताया कि उसने फैसला लिया कि घर छोड़कर भाग जाया जाए। उसी दौरान वो घर छोड़कर दिल्ली रवाना हो गई। इधर, परिजनों ने उसके अपहरण का मामला दर्ज करा दिया।
दिल्ली पुलिस में मिली लड़की
दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल का ट्रेनिंग ले रही लड़की ने कहा कि उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी। परिजनों से संपर्क नहीं साधा। उसके बाद उसका सिलेक्शन दिल्ली पुलिस में हो गया। उसे कांस्टेबल का पद मिला। अब जाकर जब बिहार पुलिस ने केस रिव्यू किया, तब उसके बारे में पता चला। लड़की ने कहा कि उसने अपना बयान कोर्ट में दर्ज करा दिया है। पिता की ओर से दर्ज कराये गए अपहरण के केस की वजह से उसे दिल्ली से मुजफ्फरपुर आना पड़ा। उसने मुजफ्फरपुर पुलिस के कहे अनुसार अपना काम कर दिया है। फिर वो अपनी ड्यूटी पर चली जाएगी। वहीं इस घटना को लेकर बिहार पुलिस और शहर में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। लोगों का कहना है कि ऐसे केस रिव्यू होने लगे, तो कई मामलों का खुलासा हो जाएगा।
[ad_2]
Source link