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छपरा. आपने वारंट लेकर आरोपी को गिरफ्तार करने का मामला तो सुना होगा, लेकिन गिरफ्तार करने के बाद वारंट खोजने की बात नहीं सुनी होगी. जी हां. छपरा में ऐसा ही अनोखा मामला सामने आया है, जिसमें एक शख्स को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस अब वारंट खोज रही है.
यह मामला खरवार पंचायत का है. यहां 17 मई को पुलिस ने खैरवार पंचायत के उप मुखिया संजय कुमार राम को आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया. संजय कुमार राम का दावा है कि जिस मामले में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है, उसमें वे कोर्ट से बरी हो चुके हैं. संजय कुमार राम को रिविलगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया है. लेकिन जब रिविलगंज में कोई मामला नहीं मिला, तब उन्हें कोपा थाना ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बाद कोपा में भी जब कोई मामला नहीं मिला, तो अब पुलिस पिछले 5 दिनों से संजय कुमार राम को लेकर कोर्ट के चक्कर काट रही है, लेकिन किसी भी कोर्ट में उसके नाम का वारंट नहीं दिख रहा. यही वजह है कि कोर्ट आरोपी को अपने हिरासत में लेने से इनकार कर रहा है.
बता दें कि किसी भी आपराधिक मामले में गिरफ्तारी के बाद आरोपी को 24 घंटे के भीतर कोर्ट में पेश करना होता है, ताकि उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जा सके. लेकिन छपरा में यह मामला ऐसा फंस गया है कि पुलिस के भी पसीने छूट रहे हैं. इस मामले में संजय कुमार राम का कहना है कि उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार किया गया, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है.
इस बारे में एसपी जब उनसे वॉट्सऐप पर पूछा गया कि आरोपी को पिछले 5 दिनों से थाने में क्यों रखा गया है. तो एसपी ने बताया ‘कोर्ट में पेश करवाया जा रहा है. कोर्ट के संज्ञान में है. कोर्ट में कल फिर बुलाया गया है. रिकॉर्ड खोजा जा रहा है. कोर्ट का जैसा निर्देश होगा आगे उसका पालन किया जाएगा.’ जब उनसे पूछा गया कि क्या आरोपी के खिलाफ कोई वारंट था. तो एसपी ने कहा ‘आरोपी फरारी सूची में था. टेक्निकल इश्यू है, पर कोर्ट की जानकारी में है.’
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पहले प्रकाशित : 21 मई 2022, 19:54 IST
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