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सार
मुख्यमंत्री ने कहा कि महत्व है सत्य का। यह बताने की जरूरत नहीं कि क्या हुआ है और कितना काम किया गया है। हम लोग किसी की बात को यूं ही महत्व नहीं देते हैं।
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विस्तार
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर द्वारा नीतीश कुमार के 15 साल के शासनकाल पर उठाए गए सवालों के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, यह मुझे बताने की जरूरत नहीं है। सब जानते हैं कि कितना काम हुआ है। नीतीश ने कहा, आप लोग हमसे ज्यादा बताएंगे क्या हुआ है या नहीं हुआ है। हकीकत सबके सामने हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि महत्व है सत्य का। यह बताने की जरूरत नहीं कि क्या हुआ है और कितना काम किया गया है। हम लोग किसी की बात को यूं ही महत्व नहीं देते हैं।
दरअसल बृहस्पतिवार को प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार और लालू पर आरोप लगाया था कि इनके शासनकाल में बिहार का विकास नहीं हुआ है। बिहार जो 30 वर्ष पहले था वही आज भी है। इतना ही नहीं किशोर ने कहा कि नीतीश के सात निश्चय योजना का कार्यान्वयन भी सही तरीके से नहीं हुआ है, जिसका नतीजा सामने हैं।
नीतीश कुमार उनको पुरस्कृत कर चुके हैं
बिहार में किशोर ने 2015 के विधानसभा चुनावों के लिए सीएम नीतीश कुमार के अभियान को भी संभाला था और, बाद में उन्हें बड़ी सफलता मिली, बाद में नीतीश कुमार ने उनको पुरस्कृत किया गया था और मुख्यमंत्री के सलाहकार के रूप में कैबिनेट रैंक का पद नियुक्त किया गया।
साधा निशाना
वहीं नीतीश की बात जवाब देते हुए चुनावी रणनीतिकार ने ट्वीट कर कहा कि नीतीश जी सही कह रहे हैं। केवल सत्य का महत्व है। और सच्चाई यह है कि लालू-नीतीश के 30 वर्षों के शासन के बाद, बिहार सबसे गरीब और सबसे पिछड़ा राज्य बना हुआ है। इसका परिवर्तन अपने लोगों के सामूहिक प्रयासों से ही संभव है।
पीके का इशारा मुख्यमंत्री के साथ-साथ उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी, राजद प्रमुख लालू प्रसाद के लिए था, जिन्हें नीतीश कुमार ने सत्ता से बेदखल कर दिया था और फिर लालू बिहार को बर्बाद करने का आरोप लगाते रहे।
अमित शाह के जवाब को टाल गए नीतीश
जब नीतीश कुमार से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सीएए पर दिए गए बयान के बारे में पूछा तो वह सवालों को टाल गए। गृह मंत्री ने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी खत्म होने के बाद नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू किया जाएगा।
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