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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Sun, 13 Feb 2022 09:37 PM IST
सार
पटना हाईकोर्ट ने आकांक्षा मविया की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की। आकांक्षा ने कोर्ट से अपील की थी कि वह राज्य सरकार को एक वैध और सक्रिय मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण बनाने का निर्देश दे।
पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को लेकर की टिप्पणी।
– फोटो : Social Media
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विस्तार
बिहार की पटना हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। कोर्ट ने कहा कि लोगों का मानसिक स्वास्थ्य और उनका इलाज बिहार सरकार की प्राथमिकताओं में सबसे नीचे है। इसी के साथ कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की स्थापना सुनिश्चित करें।
जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की डिवीजन बेंच ने मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने वाले किसी प्राधिकरण के न होने पर आश्चर्य जाहिर किया और तंज कसते हुए कहा, “ऐसा लगता है कि लोगों का मानसिक स्वास्थ्य और जिनको इलाज की जरूरत है, खासकर कोरोना महामारी के समय में, ऐसे लोग राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में सबसे नीचे हैं।”
पटना हाईकोर्ट ने आकांक्षा मविया की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की। आकांक्षा ने कोर्ट से अपील की थी कि वह राज्य सरकार को एक वैध और सक्रिय मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण बनाने का निर्देश दे, जो कि मेंटल हेल्थकेयर, एक्ट 2017 के तहत काम करे और मानसिक दिक्कतों से पीड़ित लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन और काउंसलिंग सेंटर भी शुरू हों।
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