Home Bihar बिहार: नीतीश सरकार ने पूजा स्थलों पर अनियमितताओं को रोकने के लिए कदम उठाए, सभी 534 मंडलों को दिए यह निर्देश

बिहार: नीतीश सरकार ने पूजा स्थलों पर अनियमितताओं को रोकने के लिए कदम उठाए, सभी 534 मंडलों को दिए यह निर्देश

0
बिहार: नीतीश सरकार ने पूजा स्थलों पर अनियमितताओं को रोकने के लिए कदम उठाए, सभी 534 मंडलों को दिए यह निर्देश

[ad_1]

सार

सरकारी रिकॉर्ड्स के मुताबिक, वैशाली में सबसे अधिक 438 अपंजीकृत मंदिर और मठ हैं। कैमूर में ऐसे 338 मंदिर हैं। मंत्री ने बताया कि मोटे तौर पर अनुमान के अनुसार करीब 2,200 अपंजीकृत मंदिर और मठ हैं जिसके तहत करीब 3,200 एकड़ भूमि आती है।

ख़बर सुनें

बिहार में कई धार्मिक स्थानों पर अनियमितताओं की शिकायतों के बीच नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने राज्य के सभी 534 मंडलों में सर्किल अधिकारियों (सीओ) से उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले पंजीकृत एवं गैर पंजीकृत मंदिरों और मठों की पहचान करने को कहा है। इसके साथ ही उन्हें चिह्नित करने और इसकी सूचना जिला प्रशासन के पोर्टल्स पर अपलोड करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

कानून विभाग द्वारा चलाए जाने वाले बिहार स्टेट रिलिजियस ट्रस्ट काउंसिल (बीएसआरटीसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीओ को मंदिरों और मठों पर जानकारी एकत्रित करने के लिए एक सप्ताह में कम से कम दो बार बाहर निकलना होगा और जिलाधीश इस कवायद पर नजर रखेंगे। अधिकारी ने कहा कि जिलाधीश यह सुनिश्चित करेंगे कि मंदिरों, मठों और न्यासों के बारे में सभी आवश्यक सूचना नियमित रूप से अपलोड की जाए। इसके अलावा वे ये जानकारियां बीएसआरटीसी को भेजेंगे। बिहार में सभी मंदिरों, मठों और धर्मशालाओं को बिहार हिंदू धार्मिक न्यास कानून, 1950 के तहत बीएसआरटीसी में पंजीकरण कराना होगा।

मंदिर की देखभाल करने वाले लोगों द्वारा किए जा रहे जमीन के अनैतिक सौदों पर चिंता व्यक्त करते हुए विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि धार्मिक संपत्तियों को अवैध दावों से बचाने के लिए फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न धार्मिक स्थानों पर बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का पता चलता है, जिसमें मंदिरों और मठों के पुजारी मालिकों के तौर पर अचल संपत्तियां बेच और खरीद रहे हैं। धार्मिक संपत्तियों की रक्षा और देखरेख के लिए प्राथमिकता के आधार पर पहचान की यह कवायद पूरी की जानी है।

सरकारी रिकॉर्ड्स के मुताबिक, वैशाली में सबसे अधिक 438 अपंजीकृत मंदिर और मठ हैं। कैमूर में ऐसे 338 मंदिर हैं। मंत्री ने बताया कि मोटे तौर पर अनुमान के अनुसार करीब 2,200 अपंजीकृत मंदिर और मठ हैं जिसके तहत करीब 3,200 एकड़ भूमि आती है।

विस्तार

बिहार में कई धार्मिक स्थानों पर अनियमितताओं की शिकायतों के बीच नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने राज्य के सभी 534 मंडलों में सर्किल अधिकारियों (सीओ) से उनके अधिकार क्षेत्र में आने वाले पंजीकृत एवं गैर पंजीकृत मंदिरों और मठों की पहचान करने को कहा है। इसके साथ ही उन्हें चिह्नित करने और इसकी सूचना जिला प्रशासन के पोर्टल्स पर अपलोड करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

कानून विभाग द्वारा चलाए जाने वाले बिहार स्टेट रिलिजियस ट्रस्ट काउंसिल (बीएसआरटीसी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीओ को मंदिरों और मठों पर जानकारी एकत्रित करने के लिए एक सप्ताह में कम से कम दो बार बाहर निकलना होगा और जिलाधीश इस कवायद पर नजर रखेंगे। अधिकारी ने कहा कि जिलाधीश यह सुनिश्चित करेंगे कि मंदिरों, मठों और न्यासों के बारे में सभी आवश्यक सूचना नियमित रूप से अपलोड की जाए। इसके अलावा वे ये जानकारियां बीएसआरटीसी को भेजेंगे। बिहार में सभी मंदिरों, मठों और धर्मशालाओं को बिहार हिंदू धार्मिक न्यास कानून, 1950 के तहत बीएसआरटीसी में पंजीकरण कराना होगा।

मंदिर की देखभाल करने वाले लोगों द्वारा किए जा रहे जमीन के अनैतिक सौदों पर चिंता व्यक्त करते हुए विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि धार्मिक संपत्तियों को अवैध दावों से बचाने के लिए फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि विभिन्न धार्मिक स्थानों पर बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का पता चलता है, जिसमें मंदिरों और मठों के पुजारी मालिकों के तौर पर अचल संपत्तियां बेच और खरीद रहे हैं। धार्मिक संपत्तियों की रक्षा और देखरेख के लिए प्राथमिकता के आधार पर पहचान की यह कवायद पूरी की जानी है।

सरकारी रिकॉर्ड्स के मुताबिक, वैशाली में सबसे अधिक 438 अपंजीकृत मंदिर और मठ हैं। कैमूर में ऐसे 338 मंदिर हैं। मंत्री ने बताया कि मोटे तौर पर अनुमान के अनुसार करीब 2,200 अपंजीकृत मंदिर और मठ हैं जिसके तहत करीब 3,200 एकड़ भूमि आती है।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here