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शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों को उनकी पसंद की पोस्टिंग दी जानी चाहिए ताकि वे ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करें। हालांकि, अगर वे अपनी पसंद की पोस्टिंग के बाद भी ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें दंडित किया जा सकता है। एक प्रणाली विकसित की जानी चाहिए, जिसमें छात्र अपने शिक्षकों का मूल्यांकन भी कर सकें और उसकी एक रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए।
विजय चौधरी ने नौवीं से बारहवीं क्लास के छात्रों के लिए एक मोबाइल ऐप को भी लॉन्च किया। ये छात्रों को होम ट्यूटर की तरह मदद करेगा। उनकी शंकाओं को दूर करेगा। राज्य के IITians ने इसे डेवेलप किया है। उन्होंने छात्रों से अपना पूरा समय और ऊर्जा शैक्षणिक गतिविधियों में लगाने की अपील की, ताकि वे भविष्य में बेहतर जीवन जी सकें।
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग और फिलो एप्टेक प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत ऐप सेवा एक साल के लिए पूरी तरह से मुफ्त है। छात्रों से इस ऐप का उपयोग करने के लिए एक पैसा भी नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों में दाखिल सभी छात्रों के साथ उनके पूरे एजुकेशनल डिटेल का एक डेटाबेस भी तैयार किया जा रहा है।
संजय कुमार ने कहा कि शिक्षकों को डिजिटल तकनीक से अवगत रहना चाहिए और छात्रों में समस्या सुलझाने की क्षमता विकसित करने का प्रयास करना चाहिए। कोविड-19 महामारी के दौरान ज्ञान के प्रसार में डिजिटल तकनीक बहुत मददगार साबित हुई है।
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