Home Bihar बिहार : ‘टीचर के वैल्यूएशन के लिए क्लास में बैठें अफसर, मनचाही पोस्टिंग के बाद भी ठीक नहीं पढ़ानेवालों पर होगी कार्रवाई’

बिहार : ‘टीचर के वैल्यूएशन के लिए क्लास में बैठें अफसर, मनचाही पोस्टिंग के बाद भी ठीक नहीं पढ़ानेवालों पर होगी कार्रवाई’

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बिहार : ‘टीचर के वैल्यूएशन के लिए क्लास में बैठें अफसर, मनचाही पोस्टिंग के बाद भी ठीक नहीं पढ़ानेवालों पर होगी कार्रवाई’

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पटना : बिहार में मनचाही पोस्टिंग के बाद भी नहीं पढ़ाने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने अधिकारियों को स्कूलों में उचित पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए इंस्पेशन की पुरानी परंपरा को दोबारा शुरू करने का निर्देश दिया। इसके अलावा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए उन्होंने एक ऐप लॉन्च किया। इसकी सुविधा एक साल तक फ्री मिलेगी।

पटना के एसके मेमोरियल हॉल में शिक्षा विभाग की ओर से ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की प्रगति‘ पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इसका उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कहा कि अधिकारियों को स्कूल के अपने दौरे के दौरान, पूरी अवधि के लिए छात्रों के साथ एक क्लासरूम में बैठना चाहिए। शिक्षक के प्रदर्शन का आकलन करना चाहिए। शिक्षक पूरी शिक्षा प्रणाली की रीढ़ हैं और उन्हें छात्रों को अपना 100% देना ही चाहिए। दूसरी ओर, अधिकारी भी शिक्षकों को ट्रांसफर, पोस्टिंग या दूसरी समस्याओं के लिए शिक्षा विभाग के गलियारों में घूमने के लिए मजबूर न करें।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों को उनकी पसंद की पोस्टिंग दी जानी चाहिए ताकि वे ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का पालन करें। हालांकि, अगर वे अपनी पसंद की पोस्टिंग के बाद भी ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें दंडित किया जा सकता है। एक प्रणाली विकसित की जानी चाहिए, जिसमें छात्र अपने शिक्षकों का मूल्यांकन भी कर सकें और उसकी एक रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए।

विजय चौधरी ने नौवीं से बारहवीं क्लास के छात्रों के लिए एक मोबाइल ऐप को भी लॉन्च किया। ये छात्रों को होम ट्यूटर की तरह मदद करेगा। उनकी शंकाओं को दूर करेगा। राज्य के IITians ने इसे डेवेलप किया है। उन्होंने छात्रों से अपना पूरा समय और ऊर्जा शैक्षणिक गतिविधियों में लगाने की अपील की, ताकि वे भविष्य में बेहतर जीवन जी सकें।

शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि शिक्षा विभाग और फिलो एप्टेक प्राइवेट लिमिटेड के बीच एक समझौता हुआ है, जिसके तहत ऐप सेवा एक साल के लिए पूरी तरह से मुफ्त है। छात्रों से इस ऐप का उपयोग करने के लिए एक पैसा भी नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों में दाखिल सभी छात्रों के साथ उनके पूरे एजुकेशनल डिटेल का एक डेटाबेस भी तैयार किया जा रहा है।

संजय कुमार ने कहा कि शिक्षकों को डिजिटल तकनीक से अवगत रहना चाहिए और छात्रों में समस्या सुलझाने की क्षमता विकसित करने का प्रयास करना चाहिए। कोविड-19 महामारी के दौरान ज्ञान के प्रसार में डिजिटल तकनीक बहुत मददगार साबित हुई है।

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