[ad_1]
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने भी यह मुद्दा उठाया और कहा कि उन्होंने बिहार व राज्य की जनता का अपमान किया है। आज वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री और सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि अगर उनकी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची है तो वह अपना बयान तत्काल वापस लेते हैं। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही गोयल ने कहा कि उनका इरादा बिहार और वहां की जनता का अपमान करना कतई नहीं था। उन्होंने कहा, ‘मेरा बिहार या बिहार की जनता का अपमान करने का कतई इरादा नहीं था। अगर इससे किसी को ठेस पहुंची है तो मैं तत्काल अपना बयान वापस लेता हूं। यह किसी के प्रति द्वेष की भावना नहीं थी।’
चर्चा के दौरान मनोज झा पर की थी पीयूष गोयल ने टिप्पणी
बता दें, पीयूष गोयल ने यह टिप्पणी मंगलवार को उस समय की जब राजद सदस्य मनोज झा अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे। मनोज झा ने कहा कि सरकार को गरीबों और औद्योगिक घरानों पर समान रूप से ध्यान देना चाहिए। इस पर गोयल ने जवाब दिया, ‘इनका वश चले तो देश को बिहार बना दें।’
गोयल की टिप्पणी को लेकर संसद भवन परिसर में प्रदर्शन
इससे पहले, राजद, जदयू कांग्रेस, झाखंड मुक्ति मोर्चा, शिव सेना के बिहार के सांसदों ने गोयल की टिप्पणी के खिलाफ संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट प्रदर्शन किया और उनसे माफी की मांग की। इधर पटना में जेडीयू कार्यकर्ताओं ने पीयूष गोयल का पुलता फूंका और नारेबाजी की। वहीं जदयू नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि गोयल की टिप्पणी से बिहार की जनता आहत हुई है। उन्होंने कहा, ‘गोयल को अपने शब्द वापस लेने चाहिए और वह बिहार की जनता से माफी मांगे।’
माफी मांगे पीयूष गोयल, ज्ञान की धरती है बिहार: तेजस्वी
वहीं तेजस्वी यादव ने कहा कि पीयूष गोयल ने जिस तरीके से बिहारियों पर टिप्पणी की है, वो बिहार का अपमान है। उनको अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार ज्ञान की धरती रही है और संवैधानिक पद पर बैठे लोग बिहार के बारे में कैसी-कैसी बात करते हैं। लगातार बिहार के साथ पक्षपात किया जाता है। पहले केंद्रीय योजना में ज्यादा अंश केंद्र देता था, लेकिन अब इसे घटा दिया गया है।
[ad_2]
Source link