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बिहार सरकार के उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ ने रविवार को भाजपा और खासकर विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा पर गरम नजर आए। उन्होंने कहा कि पशु-पक्षी और जानवर की गिनती हो सकती है तो जाति के आधार पर लोगों की गिनती क्यों नहीं होनी चाहिए? हकदारों को उनका हक मिलेगा तो भाजपा वालों को, विजय सिन्हा जी को पेट में दर्द क्यों हो रहा है? बैकवर्ड…बैकवर्ड रहेगा, फॉरवर्ड…फॉरवर्ड रहेगा। विजय कुमार सिन्हा यह बात आराम से समझ सकते हैं।
बोलने से पहले जानकारी जुटा लें विजय सिन्हा
विजय कुमार सिन्हा ने कहा था कि नीतीश कुमार जातिगत जनगणना से सामाजिक उन्माद फैला रहे। कैमूर में इसी का जवाब देते हुए महासेठ ने कहा कि हम उनको धन्यवाद देना चाहेंगे कि जितनी जानकारी है, उसके हिसाब से वह बोल रहे हैं। उन्हें बोलने से पहले जानकारी ले लेनी चाहिए। जातिगत जनगणना सभी लोगों के लिए है। हम जब जानवरों का गिनती कर सकते हैं तो आदमी में जाति की गिनती करने से परहेज क्यों? वह मंत्री रहे और विधान सभा के अध्यक्ष रहे तो उन्हें जानकारी लेकर बोलना चाहिए। इसकी मांग के लिए बिहार से भाजपा वाले भी प्रधानमंत्री से मिलने के लिए गए थे। भारत सरकार ने पैसा नहीं दिया तो बिहार सरकार पैसा देकर यह गणना करा रही है। इसके लिए धन्यवाद देना चाहिए कि हम लोगों ने उनकी इज्जत बचा दी। अगर कहीं दलितों और पिछड़ों का हक मिलता है तो इससे उनके पेट में दर्द आखिर क्यों हो रहा है? इतने सम्मानित पद पर रहे हैं, इसके बावजूद ओछी हरकत क्यों कर रहे हैं? आपको तो इसकी प्रशंसा करना चाहिए कि यह सही तरीके से हो, ताकि भारत सरकार की योजना सही हकदारों तक पहुंच पाए।
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