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पूर्व विधायक सुनील पांडेय (फाइल फोटो)।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बिहार में एक समय बाहुबली विधायक के रूप में चर्चित रहे सुनील पाण्डेय को 25 साल पुराने एक केस में रोहतास की एक विशेष अदालत ने बरी कर दिया। भोजपुर के तरारी विधानसभा के पूर्व विधायक सुनील पाण्डेय उर्फ नरेंद्र पाण्डेय को हथियार के बल पर लूट केस में साक्ष्य नहीं मिलने पर एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट के विशेष न्यायाधीश राघवेन्द्र नारायण सिंह की अदालत ने बरी करने का आदेश जारी किया। 6 अप्रैल 1998 में किशन देव ओझा ने सुनील पाण्डेय के खिलाफ बिक्रमगंज थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। फैसले के दौरान सुनील पाण्डेय सासाराम कोर्ट में मौजूद थे। फैसला सुनने के बाद पुलिस उन्हें वापस उत्तर प्रदेश लेकर चली गई।
जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे पूर्व विधायक
यह दूसरा केस है, जिसमें वह बरी हुए हैं। फिलहाल वह उत्तर प्रदेश की जेल में विंध्याचल मिर्जापुर के फायरिंग कांड में बंद हैं। आठ साल पहले आरा कोर्ट में बम धमाके के लिए भी उन्हें जेल हुई थी, हालांकि साक्ष्य के अभाव में वह बरी हो गए थे। सुनील पाण्डेय रोहतास जिले के काराकाट थाना क्षेत्र अंतर्गत नावाडीह गांव के रहने वाले हैं और भोजपुर की राजनीति के चर्चित चेहरे रहे हैं।
राजनीति में मजबूत दखल 2020 में भी दिखाई
जदयू के विधायक रहने के बाद निर्दलीय से भी किस्मत आजमा चुके सुनील पाण्डेय का राजनीतिक कॅरियर जब-जब खत्म माना गया, तब-तब उन्होंने जोरदार धमक दिखाई। जब किसी पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया तो 2020 में तरारी सीट से निर्दलीय चुनाव में उतरे। इस चुनाव में विजयी सीपीआई (एमएल-एल) प्रत्याशी को 73,945 वोट मिले तो निर्दलीय सुनील पाण्डेय को 62,930 मत मिले थे। जदयू के समर्थन के साथ उतरे भाजपा प्रत्याशी को महज 13,833 वोटों से संतोष करना पड़ा था। पाण्डेय विधायक रहते भी अपने कारनामों के कारण चर्चा में रहते थे और विधायकी खत्म होने के बाद भी, हालांकि बुधवार को जब वह सासाराम कोर्ट आए तो उन्हें लेकर कोई बड़ा इंतजाम नहीं किया गया था।
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