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रिपोर्ट- संतोष कुमार
छपरा. राजनीति के दिग्गज हस्ती लालू प्रसाद यादव को कौन नहीं जानता, लेकिन छपरा के एक लालू प्रसाद ऐसे भी हैं जो वार्ड सदस्य से लेकर राष्ट्रपति तक का चुनाव लड़ चुके हैं. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का हमनाम होने के कारण इन्हें मीडिया की सुर्खियां भी अच्छी खासी मिल जाती है. जिसके कारण ये सभी चुनाव में नामांकन जरूर करते हैं.
जिले के मढ़ौरा नगर पंचायत क्षेत्र स्थित यादव रहीमपुर निवासी लालू यादव इस बार भी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने जा रहे हैं. फिलहाल इसके लिए नामजदगी की तैयारी में हैं. 2017 के राष्ट्रपति चुनाव में भी इन्होंने नामांकन दाखिल किया था. हालांकि तब प्रस्तावक का संख्या बल पूरा नहीं होने की वजह से नामांकन रद्द हो गया था. लेकिन इस बार पूरी तैयारी में हैं. इनकी तैयारी पहले या दूसरे दिन नामजदगी का पर्चा दाखिल कर देने की है. 15 जून को इनकी दिल्ली पहुंचने की योजना है. इसके लिए इन्होंने उस दिन के सुबह की एयर टिकट भी बुक करा ली है.
वार्ड पार्षद से लोकसभा चुनाव तक लड़ चुके हैं
लालू प्रसाद यादव वार्ड पार्षद से लेकर लोकसभा, विधानसभा व विधान परिषद के कई चुनावों में किस्मत आजमा चुके हैं. यह दिगर बात है कि अबतक इन्हें किसी चुनाव में कामयाबी नहीं मिली है. इनका चुनावी सफर 2001 में शुरू हुआ. जीवन का पहला चुनाव इन्होंने इसी साल मढ़ौरा नगर पंचायत के वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ा था. फिर 2006 व 2011 में भी अपने नगर पंचायत के वार्ड पार्षद चुनाव में कूदे, लेकिन इन तीनों चुनावों में नाकमायाबी ही हाथ लगी. इसके बाद ये 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में भी छपरा से नामजदगी कर निर्दलीय प्रत्याशी बने और हार गए. 2015 का विधानसभा चुनाव भी इन्होंने मढ़ौरा क्षेत्र से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी लड़ा और पराजित हो गए. यही नहीं विधान परिषद के 2016 में सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, 2020 में सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र और 2022 में सारण पंचायत निर्वाचन क्षेत्र के चुनावी मुकाबले में भी इन्होंने ताल ठोकी लेकिन असफल ही रहे.
चुनाव लड़ने का रिकार्ड बनाना चाहते हैं ये लालू यादव
सारण के धरतीपकड़ लालू यादव का सपना चुनाव लड़ने का रिकार्ड बनाना है. कहते हैं कि चुनावी अखाड़े में कूदने का उनका सिलसिला थमने वाला नहीं. वे सियासत के उन खिलाड़ियों में से नहीं जो हार मान कर बैठ जाय. इनका मानना है कि कभी तो जनता उन्हें मौका देगी और विश्वास है कि एक दिन उन्हें राज्य या देश के किसी सदन में पहुंचने का मौका जरूर मिलेगा.
राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी के बावत बताते हैं कि प्रत्याशी बनने के लिए उन्हें सौ प्रस्ताव की जरूरत है. फिलहाल उन्हें 35-40 प्रस्तावक मिल चुके हैं. शेष की व्यवस्था दिल्ली पहुंच कर करुंगा. नामांकन के अंतिम दिन तक प्रस्ताव की सूची जमा हो सकती है. इसलिए पहले नामांकन होगा और फिर शेष प्रस्तावकों की खोज शुरू होगी.
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प्रथम प्रकाशित : 12 जून 2022, 10:20 PM IST
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