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बिहार के कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव हारने वाले नीतीश कुमार पर चौतरफा हमला जारी है। चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद बीजेपी तो हमलावर थी ही महागठबंधन में शामिल घटक दल भी हार के लिए मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उन्हें तरह-तरह की सलाह भी दी जा रही है।
अनिल सहनी ने की तेजस्वी को सीएम बनाने की मांग
कुढ़नी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी की जीत के बाद महागठबंधन की ओर से ही नीतीश कुमार से इस्तीफा देने की मांग की जाने लगी है। दरअसल, कुढ़नी के पूर्व विधायक अनिल सहनी ने कुढ़नी की हार को महागठबंधन की नहीं, बल्कि इसे नीतीश की हार बताया। अनिल सहनी ने यहां तक कहा कि अगर नीतीश कुमार वास्तव में महागठबंधन को मजबूत करना चाहते हैं तो उन्हें इस्तीफा देकर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री के पद पर बैठा देना चाहिए।
अनिल सहनी ने कुढ़नी में हार को नीतीश कुमार के नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा की वहां कोई महागठबंधन नहीं हारा है बल्कि वहां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हारे हैं। अतिपिछड़ों को अपमानित करने के लिए अतिपिछड़ों की सीट उन्होंने जबरन अपने पास ले ली। जबकि पिछड़ा समाज का 35 फीसदी वोट बैंक नीतीश कुमार से अलग हो चुका है। अनिल सहनी ने सुझाव दिया कि जिस तरह से 2014 में लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हारने के बाद नीतीश कुमार ने जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था। उसी तरह से महागठबंधन को मजबूत बनाने के लिए नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बना देना चाहिए।
शिवानंद तिवारी भी तेजस्वी को सीएम बनाने की कर चुके हैं वकालत
ऐसा नहीं है कि नीतीश कुमार को इस्तीफा देकर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की मांग सिर्फ अनिल सहनी ने की है। आपको बता दें कि राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने भी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की बात कह चुके हैं। उस बैठक में शिवानंद तिवारी ने ये कहा था कि कई साल पहले उन्होंने और नीतीश कुमार ने राजनीति करने के बाद एक आश्रम खोलने का प्लान बनाया था। बैठक में शिवानंद तिवारी ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि नीतीश कुमार उस आश्रम का निर्माण जल्द से जल्द कराएं ताकि नीतीश कुमार के साथ मैं भी उस आश्रम में जाऊं और वहां महागठबंधन के कार्यकर्ताओं को राजनीति का गुर सिखा सकूं।
सुशील मोदी ने भी नीतीश कुमार पर किया कटाक्ष
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी भी नीतीश कुमार को इस्तीफा देकर आश्रम जाने की नसीहत दे चुके हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को कुढनी में हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। नीतीश कुमार को चाहिए कि वो तेजस्वी यादव को सत्ता सौंप कर शिवानंद के साथ आश्रम चले जाएं। नीतीश कुमार का जनाधार खत्म हो चुका है। इसलिए उन्हें अब JDU का RJD में विलय भी जल्द ही कर देना चाहिए। ललन सिंह कुढ़नी में अपनी जाति का वोट भी पार्टी को नहीं दिला सके। इतना ही नही कुढ़नी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सभाएं भी बेअसर रही।
तेजस्वी यादव को थोपे जाने के पक्ष में नहीं हैं जीतन राम मांझी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सार्वजनिक मंच से कई बार ये कह चुके हैं कि अब हम लोगों की राजनीति बहुत हो चुकी। हम लोगों ने हमेशा विकास का काम किया है। नीतीश कुमार कई बार तेजस्वी यादव की ओर इशारा करते हुए ये कह चुके हैं कि अब इन लोगों को ही आगे बढ़ाना है। यानी नीतीश कुमार इशारों में ये बताना चाहते हैं कि वो तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार हैं। हालांकि मुख्यमंत्री के इस इशारे के बाद महागठबंधन सरकार में ही शामिल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इशारों में ही कई तरह की बातें कर विरोध जता दिया। जीतन राम मांझी ने कहा कि महागठबंधन में को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनना चाहिए। को-आर्डिनेशन कमेटी में शामिल सभी दल अगर तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति जताते हैं तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।
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