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उधव कृष्ण
पटना. बिहार में बाजार समितियों को आधुनिक बनाने का काम पिछले साल से चल रहा है. जल्द ही एक ही छत के नीचे किसानों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी. काम में तेजी लाने के लिए कृषि विभाग ने 21 बाजार समितियों के विकास हेतु 840 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. 12 बाजार समितियों को दूसरी किश्त के रूप में लगभग 300 करोड़ रुपये, जबकि, नौ बाजार समितियों को पहली किश्त के रूप में 540 करोड़ रुपया मुहैया कराया जाएगा.
बाजार समितियों को अत्याधुनिक बनाने में जो खर्च आएगा उसका 95 प्रतिशत हिस्सा लोन के रूप में नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) देगा. इस राशि से आधारभूत संरचनाओं को विकसित किया जाएगा. मंडियों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. साथ ही, उत्पाद की गुणवत्ता की जांच की भी सुविधा होगी.
आपके शहर से (पटना)
eNAM से जुड़ेंगे बाजार समिति
बाजार समितियों को eNAM (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) से जोड़ा जाएगा. इससे किसान अपना अनाज देश के किसी भी मंडी से जुड़ कर बेच सकेंगे. बता दें कि, ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार एक ऑनलाइन वाणिज्य मंच है. इससे जुड़ कर देश स्तर पर होने वाले कृषि टेंडर में यहां के किसान सीधा हिस्सा ले सकेंगे. इससे किसानों को अपने उत्पाद का बेहतर मूल्य मिल सकेगा. इस कारण खेतों में ही कम कीमत पर अनाज बेचने वाले किसानों को भी लाभ होने की उम्मीद है.
बाजार समितियों में बेचे जाएंगे यह आइटम
बाजार समितियों में फल मंडी, फूल मंडी, मछली मंडी, सब्जी मंडी समेत अनाज मंडी को भी आधुनिक तरीके से मॉडिफाई करने की योजना है. किसानों का माल खराब ना हो, इसके लिए कोल्ड स्टोरेज का निर्माण किया जाएगा. फिलहाल 21 बाजार समितियों के विकास हेतु सबसे अधिक (82.50 करोड़) रुपये, किशनगंज को सबसे कम (16 करोड़) रुपये दिए गए हैं. वहीं, राजधानी पटना की बात करें तो मुसल्लहपुर हाट के लिए 27.35 करोड़ की राशि उपलब्ध करवाई गई है.
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टैग: कृषि, बिहार के समाचार हिंदी में, मंडी न्यूज, पटना न्यूज
पहले प्रकाशित : अप्रैल 03, 2023, 12:18 अपराह्न IST
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