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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को एक बड़ा बयान देकर सियासी भूचाल ला दिया है। नीतीश ने कहा कि 2025 का विधानसभा चुनाव डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की अगुआई में लड़ा जाएगा। तेजस्वी ही महागठबंधन का नेतृत्व करेंगे।
नीतीश ने आगे भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री पद को लेकर भी टिप्पणी की। बोले, मुझे सीएम या पीएम बनने की कोई लालसा नहीं है। मेरा लक्ष्य है कि 2024 में भाजपा को सत्ता से साफ करना। अब इसको लेकर कई तरह के सवाल खड़े होने लगे हैं। आइए जानते हैं कि बिहार की राजनीति में अब आगे क्या होगा? नीतीश कुमार ने क्यों ऐसा बयान दिया?
पहले जानिए नीतीश कुमार ने क्या कहा?
नीतीश कुमार मंगलवार को महागठबंधन के विधायक दल की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘2025 का विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव की अगुआई में ही लड़ा जाएगा। पूरे महागठबंधन का तेजस्वी नेतृत्व करेंगे।’ नीतीश ने आगे ये भी साफ कर दिया कि उनका उद्देश्य प्रधानमंत्री बनना नहीं है। मुख्यमंत्री भी नहीं बने रहना चाहते हैं। उनका अब सिर्फ एक ही लक्ष्य है 2024 में भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकना। ये पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को आगे बढ़ाने की बात कही हो। इसके पहले भी लगातार वह तेजस्वी यादव की पैरवी करते आए हैं।
इसे समझने के लिए हमने वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह से बात की। उन्होंने कहा, ‘बिहार की सियासत जाति पर आधारित है। नीतीश कुमार लंबे समय से सत्ता में हैं। वह भी तब जब नीतीश की पार्टी को कम सीटें मिलीं। कभी राजद के समर्थन से तो कभी भाजपा के। अब लगातार जदयू की स्थिति में गिरावट हो रही है। ऐसे में वह अब नए विकल्प की तलाश में जुट गए हैं।’
आगे प्रमोद ने नीतीश के बयान के तीन बड़े मायने बताए और ये भी बताया कि आगे क्या कर सकते हैं नीतीश कुमार?
1. समझौते पर अमल करने की शुरुआत: भाजपा से नाता तोड़कर नीतीश कुमार महागठबंधन का हिस्सा बनने के दौरान कुछ शर्तों पर समझौता हुआ था। कई लोग कहते हैं कि तेजस्वी यादव ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि अगर वह अभी महागठबंधन में शामिल होते हैं तो 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद के लिए राजद उनका समर्थन करेगा। उत्तर भारत की बड़ी पार्टियों का समर्थन दिलाने का भी वादा किया है। मसलन समाजवादी पार्टी, रालोद, शिवसेना (उद्धव गुट) जैसी पार्टियों को साथ लाने के लिए वादा किया गया है। वहीं, खुद बिहार की सत्ता तेजस्वी को सौंपने के लिए नीतीश कुमार ने कहा गया था।
2. लोकसभा चुनाव से पहले सीएम पद छोड़ने की अटकलें: ऐसी भी अटकलें हैं कि नीतीश कुमार 2024 चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद छोड़कर तेजस्वी यादव को सौंप दें और खुद लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। अभी नीतीश कुमार के नाम पर ज्यादातर पार्टियां पीछे हट रहीं हैं। ऐसे में सीएम पद छोड़ने के बाद नीतीश ज्यादा से ज्यादा विपक्षी दलों को अपने साथ लाने की कोशिश में जुट सकते हैं।
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