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बिहार: उपेंद्र कुशवाहा ने अशोक जयंती मनाकर ओबीसी को रिझाने की भाजपा की कोशिश का मजाक उड़ाया

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बिहार: उपेंद्र कुशवाहा ने अशोक जयंती मनाकर ओबीसी को रिझाने की भाजपा की कोशिश का मजाक उड़ाया

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पीटीआई, पटना।

द्वारा प्रकाशित: देव कश्यप
अपडेट किया गया सूर्य, 10 अप्रैल 2022 03:42 AM IST

सार

बिहार में जदयू-भाजपा गठबंधन के बीच खटपट की खबरें अक्सर आती रहती हैं। इसी कड़ी में जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने अशोक जयंती को लेकर भाजपा का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को मैं यह सुनकर चकित था कि एक राजनीतिक दल दावा कर रहा है कि उसकी पहल से हमारे नेता नीतीश कुमार ने अशोक जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घाषित किया। यह याद रखा जाना चाहिए कि यह घोषणा 2015 में की गई थी जब जदयू का भाजपा के साथ गठजोड़ नहीं था।

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रमुख राजनीतिक सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को भाजपा द्वारा सम्राट अशोक की जयंती मनाकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के एक हिस्से को अपने पाले में किए जाने के प्रयासों का मजाक उड़ाया। कुशवाहा ने सम्राट अशोक की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा का सहयोगी दल भाजपा द्वारा श्रेय लिए जाने पर भी तंज कसा।

उन्होंने कहा, ‘‘कल मैं यह सुनकर चकित था कि एक राजनीतिक दल दावा कर रहा है कि उसकी पहल से हमारे नेता नीतीश कुमार ने अशोक जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घाषित किया। यह याद रखा जाना चाहिए कि यह घोषणा 2015 में की गई थी जब जदयू का भाजपा के साथ गठजोड़ नहीं था।’’

जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष कुशवाहा ने अशोक जयंती मनाने के लिए भाजपा द्वारा आयोजित एक समारोह में पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के भाषण की ओर इशारा करते हुए यह बात कही। सुशील मोदी ने अशोक जयंती को लेकर भाजपा द्वारा आयेाजित कार्यक्रम में कहा था कि भाजपा की पहल से ही अशोक जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित हुई है।

कुशवाहा अपनी पार्टी जदयू द्वारा ईसा पूर्व तीसरी सदी के शासक की जयंती मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। अशोक ओबीसी खासकर उनकी अपनी जाति कोइरी के लिए राजनीतिक थाती बन गए हैं।

बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले साल अपनी राजनीतिक पार्टी रालोसपा का जदयू में विलय कर दिया था। उन्होंने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भाजपा के रुख में बदलाव को भी दोहराया, जो ओबीसी से जुड़ी जातियां चाहती है और जिसे लेकर जदयू और विपक्ष की एक ही राय है।

कुशवाहा ने कहा, “2018 में, जब मैं खुद केंद्रीय मंत्रिपरिषद में था, कैबिनेट के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा था कि सरकार जातिगत जनगणना कराने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं नेता का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन उनकी पार्टी अपने वादे से मुकर गई है।”

विस्तार

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रमुख राजनीतिक सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा ने शनिवार को भाजपा द्वारा सम्राट अशोक की जयंती मनाकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के एक हिस्से को अपने पाले में किए जाने के प्रयासों का मजाक उड़ाया। कुशवाहा ने सम्राट अशोक की जयंती पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा का सहयोगी दल भाजपा द्वारा श्रेय लिए जाने पर भी तंज कसा।

उन्होंने कहा, ‘‘कल मैं यह सुनकर चकित था कि एक राजनीतिक दल दावा कर रहा है कि उसकी पहल से हमारे नेता नीतीश कुमार ने अशोक जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घाषित किया। यह याद रखा जाना चाहिए कि यह घोषणा 2015 में की गई थी जब जदयू का भाजपा के साथ गठजोड़ नहीं था।’’

जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष कुशवाहा ने अशोक जयंती मनाने के लिए भाजपा द्वारा आयोजित एक समारोह में पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के भाषण की ओर इशारा करते हुए यह बात कही। सुशील मोदी ने अशोक जयंती को लेकर भाजपा द्वारा आयेाजित कार्यक्रम में कहा था कि भाजपा की पहल से ही अशोक जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित हुई है।

कुशवाहा अपनी पार्टी जदयू द्वारा ईसा पूर्व तीसरी सदी के शासक की जयंती मनाने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। अशोक ओबीसी खासकर उनकी अपनी जाति कोइरी के लिए राजनीतिक थाती बन गए हैं।

बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले साल अपनी राजनीतिक पार्टी रालोसपा का जदयू में विलय कर दिया था। उन्होंने जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भाजपा के रुख में बदलाव को भी दोहराया, जो ओबीसी से जुड़ी जातियां चाहती है और जिसे लेकर जदयू और विपक्ष की एक ही राय है।

कुशवाहा ने कहा, “2018 में, जब मैं खुद केंद्रीय मंत्रिपरिषद में था, कैबिनेट के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा था कि सरकार जातिगत जनगणना कराने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं नेता का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन उनकी पार्टी अपने वादे से मुकर गई है।”

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