
[ad_1]
रूडी ने लोकसभा में प्रवासी श्रमिकों के मौत का मुद्दा उठाया
सारण से बीजेपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि हर पांच में से एक बिहारी बिहार के बाहर पलायन कर गए हैं। पलायन करने वालों में 90 प्रतिशत से अधिक संख्या पुरुषों की हैं। राज्य के बाहर होने वाली दुर्घटनाओं में भी अगर किसी दूसरे राज्य के श्रमिक मरते हैं तो मरने वालों में बिहारी ही शामिल होते हैं। राजीव प्रताप रूडी ने लोकसभा में नियम 377 के तहत बिहारी प्रवासी श्रमिकों की अन्य राज्यों में मौत का मुद्दा उठाते हुए यह बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि जब बिहारी श्रमिकों की मेहनत से कई राज्य अमीर हो गए और अभी भी कई राज्य अमीर हो रहे हैं। उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि इसके बावजूद बिहार क्यों पिछड़ा है? राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि यह ऐसा सवाल है, जिसका जवाब तलाशने की जरूरत है।
कहीं भी घटना-दुर्घटना हो, बिहारी श्रमिकों की जान जाती है: रूडी
पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि बिहार की आबादी में आधे से अधिक परिवारों के ऐसे पुरुष सदस्य हैं, जो रोजगार की तलाश में बाहर गए हैं। रोजगार की तलाश में बाहर जाने वालों में सबसे ज्यादा सारण, मुंगेर, दरभंगा, कोसी, तिरहुत और पूर्णिया से है। उन्होंने कहा कि अकेले दिल्ली में मौजूद प्रवासियों में से 18 प्रतिशत प्रवासी बिहार से हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बिहारी प्रवासियों की औसत आयु 32 वर्ष है जिनमें से 90 प्रतिशत से अधिक निजी कारखानों में काम करते हैं या अस्थायी श्रमिक के रूप में कार्यरत हैं। रुडी ने बताया कि ऐसी कई रिपोर्टों आई है जिसमें सबसे अधिक बिहार के प्रवासी श्रमिकों की मौत की बातें कही गयी हैं।
घटना कही भी हो बिहारी श्रमिक की मौत की खबर जरूर आ आती है : रूडी
राजीव प्रताप रूडी ने सदन को बताया कि 5 अगस्त 2022 को, जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने एक बिहारी की हत्या कर दी थी। इस घटना में 2 अन्य लोग घायल हो गए थे। इसके अलावा इमारत के गिरने, खदान के धंसने, काम के दौरान आग लगने की वजह से मौतों के अलावा अन्य राज्यों में सड़क दुर्घटना में भी बिहारी श्रमिकों की दुखद मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि ये घटनाएं एक मजबूत सुरक्षा और सुरक्षा तंत्र की कमी को उजागर करती हैं। इस प्रकार की घटना न हो यह सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता है। ताकि ऐसी दुखद घटनाओं में बिहार और देश भर के श्रमिकों के कीमती जीवन की क्षति न हो।
[ad_2]
Source link