Home Bihar बाबा नागार्जुन और इमरजेंसी को क्यों याद कर रहे सुशील मोदी? बिहार में काव्य-पाठ का सियासी एंगल समझिए

बाबा नागार्जुन और इमरजेंसी को क्यों याद कर रहे सुशील मोदी? बिहार में काव्य-पाठ का सियासी एंगल समझिए

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बाबा नागार्जुन और इमरजेंसी को क्यों याद कर रहे सुशील मोदी? बिहार में काव्य-पाठ का सियासी एंगल समझिए

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नील कमल, पटना : ‘यूपी में बाबा बा’ गाने वाली अनामिका जैन अंबर का सोनपुर मेले में काव्य-पाठ से रोक दिया गया। यहां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ था। पर्यटन विभाग के कला मंच पर उनका काव्य-पाठ प्रस्तावित था, मगर ऐन मौके पर रोक दिया गया। हालांकि इसके लिए आमंत्रण एक महीने पहले ही आयोजकों की ओर से दिया गया था। इस बाबत अनामिका जैन अंबर ने सोशल मीडिया पर बयान जारी किया। सियासत के लिए मशहूर बिहार में अब इस पर बयानबाजी शुरू हो चुकी है। बीजेपी ने इसमें अपने लिए मौका ढूंढ लिया है।

अनामिका जैन अंबर को बीजेपी करेगी सम्मानित
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने अनामिका जैन अंबर मामले की निंदा की। उन्होंने कहा कि सोनपुर मेले में आमंत्रित कवयित्री को काव्य-पाठ से रोक कर नीतीश सरकार ने दिनकर की धरती पर हिंदी कविता, स्त्री और अभिव्यक्ति की आजादी का तिहरा अपमान किया है। राज्य सरकार के इस कृत्य से एक बार फिर बिहार शर्मसार हुआ है। इस घटना का कलंक धोने के लिए बीजेपी जल्द ही अनामिका अंबर के काव्य-पाठ का आयोजन कर उन्हें सम्मानित करेगी।

सीएम योगी के लिए गाने लिखी हैं अनामिका जैन
सुशील मोदी के मुताबिक अनामिका ने उत्तर प्रदेश में अपराधियों, देशविरोधी ताकतों और हर तरह के माफिया पर बुलडोजर चलाने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति जनभावना को वाणी दी। उन पर कुछ गीत लिखे हैं। जिसे नीतीश कुमार का अहंकार बर्दाश्त नहीं कर सका। पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि 22 करोड़ की आबादी वाले बड़े राज्य यूपी में योगी जी कुशल शासन देकर दूसरी बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में लौटे। ऐसे निर्वाचित मुख्यमंत्री के सम्मान में कविता लिखना क्या अपराध है? योगी की लोकप्रियता से नीतीश कुमार डर गए हैं।

सोनपुर मेले में कवयित्री अनामिका जैन क्यों हुई आहत, कविता पाठ करने से रोकने पर मचा सियासी बवाल
‘बाबा नागार्जुन और इमरजेंसी को भूल गए नीतीश’
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि तानाशाही के विरुद्ध लड़ने वाले और जेपी आंदोलन से निकले नीतीश कुमार अब खुद तानाशाही पर उतर आए हैं। आपातकाल के दौरान कांग्रेस सरकार ने जनकवि नागार्जुन को जेल में डाला था। उसी कांग्रेस से हाथ मिलाने वाले नीतीश-लालू की सत्ता आज युवा कवयित्री को मंच से उतार रही है। अनामिका को काव्य-पाठ से रोकना हिंदी और अभिव्यक्ति की आजादी का अपमान है।

सोनपुर में आखिर अनामिका के साथ क्या हुआ?
बिहार सरकार की ओर से सोनपुर मेले के दौरान आयोजित कवि सम्मेलन के लिए एक महीने पहले देशभर के नामी-गिरामी और लोकप्रिय कवियों को अनुबंधित किया गया था। सरकार ने ही उन्हें आयोजन के लिए पटना बुलाया था। लेकिन सोनपुर मेला स्थित कवि सम्मेलन के आयोजन स्थल पर पहुंचते ही आयोजकों ने अनामिका जैन अंबर को कविता पाठ करने से रोक दिया। उन्हें रोकने के पीछे का कारण बताते हुए आयोजकों ने कहा कि ये सरकार का आदेश है। इस पर अनामिका जैन के समर्थन में बाहर से बुलाए गए कई कवियों ने भी काव्य-पाठ करने से मना कर दिया। कविता पाठ किए बगैर सभी वापस चले गए।

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