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ठहराव करने की मांग
ज्ञापन मिलने के बाद सुपौल सांसद दिलेश्वर कामत ने अधिकारियों से बातचीत की। सांसद ने रेल मंत्री को पत्र लिखकर ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित करने की बात कही। दूसरी ओर अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने भी नरपतगंज स्टेशन पर दोनों ट्रेनों के ठहराव को लेकर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से बात की। सांसद दिलेश्वर कामत ने ज्ञापन सौंपने वाले शिष्टमंडल के सामने ही रेलवे के अधिकारियों से दूरभाष पर बातचीत की। वहीं अररिया सांसद प्रदीप कुमार सिंह ने नवभारत टाइम्स डिजिटल संवाददाता को फोन कर नरपतगंज पर ट्रेन के ठहराव के लिए हरसंभव प्रयास करने और रेल मंत्री से मुलाकात कर स्टॉपेज की मांग रखने की बात कही।
रेलवे की ओर से कही गई बड़ी बात
वहीं, रेलवे बोर्ड के संयुक्त निदेशक(कोचिंग) विवेक कुमार सिन्हा की ओर से जारी पत्र में दानापुर-जोगबनी एक्सप्रेस डेली दानापुर से सुबह छह बजकर दस मिनट में खुलेगी। दोपहर बाद 3 बजकर 45 मिनट में जोगबनी पहुंचेगी। जोगबनी से ये ट्रेन सुबह पांच बजे खुलकर दोपहर बाद 3 बजकर 45 मिनट में दानापुर पहुंचेगी। दानापुर और जोगबनी के बीच इस ट्रेन का स्टॉपेज पाटलिपुत्र, हाजीपुर, मुज्जफरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, सकरी, झंझारपुर, निर्मली, सरायगढ़, ललितग्राम, फारबिसगंज स्टेशन पर दिया गया है। प्रतिदिन चलने वाली जोगबनी-सहरसा डेली एक्सप्रेस जोगबनी से शाम 4 बजकर 30 मिनट में खुलेगी और फारबिसगंज, ललितग्राम, सरायगढ़, सुपौल रुकते हुए सहरसा रात 9:40 में पहुंचेगी। जबकि सहरसा से ये ट्रेन रात 11:55 में खुलकर सुबह 4:00 बजे जोगबनी पहुंचेगी। जारी पत्र और समय सारणी में इस रेलखंड के दो महत्वपूर्ण स्टेशन नरपतगंज और राघोपुर में इन दोनो ट्रेनों का स्टॉपेज नहीं दिया गया है। जिससे नरपतगंज और राघोपुर के रेल यात्रियों में खासा रोष है।
सोशल मीडिया पर चला अभियान
ट्रेनों के परिचालन को शुरू करने को लेकर 16 अप्रैल को ट्विटर पर ट्वीट अभियान चलाया गया था। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लेते हुए 22 हजार से अधिक ट्वीट के माध्यम से ट्रेनों के परिचालन की शुरुआत करने की मांग की थी। ट्विटर पर ट्रेंड का यह अभियान अरुण जायसवाल, अनूप कुमार, आशुतोष झा, चंदन भगत, मयंक गुप्ता, प्रशांत वर्मा, उमेश कुमार गुप्ता, बैद्यनाथ प्रसाद भगत, रंजीत राजीव, सुमित कुमार, अंशु कनौजिया, पवन मिश्रा, रमेश सिंह, राहुल ठाकुर, शाहजहां शाद, राकेश रोशन, विनोद सरवगी बछराज राखेचा, मांगीलाल गोलछा, रामचंद्र मेहता जैसे सैकड़ों लोगों की अगुवाई में सफलतापूर्वक हुआ था। रेलवे बोर्ड में लंबित ट्रेनों के परिचालन को मंजूरी इसी का परिणाम माना जा रहा है। बावजूद इसके रेलवे बोर्ड की ओर से दो ट्रेनों की मिली स्वीकृति में नरपतगंज और राघोपुर में स्टॉपेज नहीं दिए जाने से इलाके के लोग आंदोलन करने की फिराक में हैं।
स्थानीय लोगों ने रखी अपनी बात
मामले में जदयू के प्रदेश सचिव पवन मिश्रा ने कहा कि सीमांचल और मिथिलांचल के बीच वर्षों पूर्व देखा गया सपना अब धरातल पर आ रहा है। जिन दो ट्रेनों की स्वीकृति दी गई है। उसके समय सारणी भी थोड़ा अजीबो-गरीब है। ऊपर से नरपतगंज और राघोपुर में स्टॉपेज नहीं दिया जाना समझ से परे है। फारबिसगंज सहरसा रेलखंड निर्माण कार्य को लेकर संघर्ष को अंजाम दिया गया था। धरना प्रदर्शन, सोशल मीडिया पर अभियान से लेकर पदयात्रा तक किया गया था। ऐसे में मुद्दे पर संघर्ष के पुराने साथियों से विचार विमर्श किया जा रहा है और उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। लेकिन इन सबसे पहले इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन शीघ्र शुरू हो। सामाजिक कार्यकर्ता शाहजहां शाद, राजद व्यवसायिक प्रकोष्ठ के महासचिव इंजीनियर आयुष अग्रवाल, पूर्व डीआरसीसी सदस्य प्रवीण कुमार, बिहार स्टेट डेली पैसेंजर एसोसिएशन के केंद्रीय समिति सदस्य बछराज राखेचा, केन्द्रीय रेलवे रेल यात्री संघ के संयोजक विष्णु खेतान आदि ने भी नरपतगंज और राघोपुर में दानापुर-जोगबनी और जोगबनी-सहरसा डेली एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव दिए जाने को जरूरत करार दिया।
रिपोर्ट- राहुल कुमार ठाकुर,अररिया
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