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बीजेपी के दबाव के बाद आज राजधानी पटना के लोगों ने राहत की सांस ली है। सुबह से ही पुलिस की चौकसी से यातायात व्यवस्था सामान्य नजर आई। हालांकि भारत बंद और हाल के दिनों में छात्रों के नाम पर हुई गुंडागर्दी से आम लोगों में डर जरूर है। लेकिन प्रशासन के सख्त रवैए से उन्होंने राहत की सांस जरूर ली है। उनका कहना है सेना बहाली और अभ्यर्थी के नाम पर शहर और देश की संपत्ति जलाने वालों के साथ सख्ती की जानी चाहिए।
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आम लोगों का समर्थन नहीं, जनता उपद्रवियों के खिलाफ
बताते चलें कि इस आंदोलन को भले ही राजनीतिक पार्टियां अवसर के रूप में देख रहीं हों। राजनीतिक पार्टियों में विपक्ष भले ही अग्निपथ स्कीम पर सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर रहा हो मगर आम लोगों में इस उत्पात को लेकर भारी नाराजगी देखी गई है। जनता न तो बंद के साथ नजर आ रही है और न अग्निपथ स्कीम के। वहीं लोगों में उपद्रवियों के खिलाफ नाराजगी है। पटना के सिटी चौक इलाके में रहने वाले संजय कुमार कहते हैं उपद्रवियों का इलाज उपद्रवियों की तरह ही किया जाना चाहिए। सरकारी संपत्ति का नुकसान करने वाले देश की रक्षा करने वाले तो हो ही नहीं सकते हैं।
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प्रशासन की सख्ती बढ़ी, लोगों ने राहत की सांस ली
वहीं, प्रशासन की सख्ती पर खुशी जाहिर करते हुए बबलू कुमार का कहते हैं कि आज सोमवार है। रोज रोज की बंदी उपद्रव से लोगों का काम प्रभावित होता है। प्रशासन की सख्ती की वजह से जनजीवन सामान्य हो रहा है। लोगों का कहना है कि सुबह से पुलिस अलर्ट है। वर्ना आम लोगों को कहीं आने जाने में गाड़ी निकलने में और किसी काम से परिवार को साथ ले जाने में डर लगता था। बताते चलें ये स्थिति सुबह साढ़े नौ बजे की है। लेकिन लोगों के मन में डर अभी भी है कि उपद्रवियों को राजनतिक पर्टियों का समर्थन मिल रहा है ऐसे में वो प्रशासन के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। बताते चलें बीजेपी की ओर से राज्य सवाल के रवैए पर सवाल उठाए जाने के बाद प्रशासन की सख्ती देखने को मिली है।
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हिंदी समाचार नवभारत टाइम्स से, टीआईएल नेटवर्क
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