Home Bihar प्रशांत किशोर को तवज्जो नहीं देते तेजस्वी यादव, कहा- न देखता हूं इनकी ख़बर, न सुनता हूं

प्रशांत किशोर को तवज्जो नहीं देते तेजस्वी यादव, कहा- न देखता हूं इनकी ख़बर, न सुनता हूं

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प्रशांत किशोर को तवज्जो नहीं देते तेजस्वी यादव, कहा- न देखता हूं इनकी ख़बर, न सुनता हूं

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पटना. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की राजनीति में दूसरी पारी की घोषणा से बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है. सोमवार को इस संबंध में PK के किए ट्वीट के बाद उनके बिहार में नई पार्टी बनाने की चर्चा आम है. बताया जा रहा है कि दूसरों के लिए राजनीतिक सलाहकार बनने की जगह PK अब खुद के लिए रणनीति बनाएंगे और बिहार की राजनीति में नई शुरुआत करेंगे. मगर इस तमाम कवायद के बीच विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने प्रशांत किशोर को सिरे से नकार दिया है. तेजस्वी से जब प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के नई पार्टी बनाने के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं इनकी खबर न देखता हूं, और न ही सुनता हूं. इनकी कोई खबर नहीं देखता.

प्रशांत किशोर अभी तक बीजेपी, जनता दल युनाइटेड, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित कई राज्यों में चुनावी रणनीति बना चुके हैं, और इसमें उन्हें सफलता भी मिली है. PK खुद को सबसे बड़ा रणनीतिकार साबित करते रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ तेजस्वी यादव को देखें तो पिछले कुछ वर्षों के दौरान उन्होंने जिस तरह से अपनी पार्टी के लिए रणनीति बनाई है और सफल हुए हैं उससे एक बात साफ है कि तेजस्वी को किसी प्रशांत किशोर की जरूरत नहीं.

2015 में महागठबंधन की सहयोगी JDU के लिए काम कर चुके हैं PK

बिहार विधानसभा चुनाव 2015 में प्रशांत किशोर ने महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार के प्रचार और जेडीयू की रणनीति बनाई थी, मगर महागठबंधन की सहयोगी आरजेडी ने खुद रणनीति बनाई और सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर आई थी. इस चुनाव में लालू यादव की रणनीति सबसे सफल रही थी. पर लालू यादव के जेल जाने और सत्ता से बेदखल होने के बाद तेजस्वी ने खुद विपक्ष की राह चुनी और कुछ वर्षों में अपनी सफलता का परचम लहराया.

विधानसभा चुनाव 2020 में तेजस्वी यादव ने खुद मोर्चा संभाला और सोची-समझी रणनीति के तहत चुनाव लड़ा. नतीजों में भले उनकी पार्टी सरकार बनाने से थोड़ी दूर रह गई, पर सबसे बड़ी पार्टी बनी. पिछले दिनों बिहार विधान परिषद चुनाव और बोचहां विधानसभा उपचुनाव में तेजस्वी यादव की नई जातीय समीकरण के प्रयोग और राजनीतिक कुशलता ने अन्य सभी समीकरणों को मात दी.

ऐसे में जब बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव की नई रणनीति की चर्चा चारों तरफ है तो वो प्रशांत किशोर की चर्चा में शामिल होकर उनको तवज्जो नहीं देना चाहते. देखना होगा कि अभी तक तेजस्वी पर चुप्पी साधने वाले प्रशांत किशोर उनको लेकर क्या कहते हैं.

टैग: बिहार के समाचार हिंदी में, बिहार की राजनीति, Prashant Kishor, तेजस्वी यादव

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