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पूर्णिया3 घंटे पहले
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पूर्व में भी विश्वविद्यालय में घोटाले का कई मामला सामने आ चुका है।
पूर्णिया विश्वविद्यालय और पूर्णिया कॉलेज एक बार फिर करोड़ों के गबन का भेंट चढ़ गया है। इस गबन के मामले से पूर्णिया विश्वविद्यालय और कॉलेज में हडकंप मच गया है। विवि प्रशासन ने आनन फानन में वित्तीय अनियमितता के जांच के लिए एक कमेटी भी गठित कर दिया है। जांच कमेटी के कन्वेनर पूर्णिया कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ मो कमाल को बनाया गया है। इसके अलावा पूर्व प्राचार्य सह डीन मिथिलेश मिश्रा, कॉलेज के अर्थपाल डॉ ए खान, एके वर्मा, एचके गोस्वामी व आनंद कुमार को जांच कमेटी का सदस्य बनाया गया है।
इस घोटाले का उजागर तब हुआ जब कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ मो कमाल ने पूर्णिया विश्वविद्यालय को सूचित किया कि नैक के द्धितीय चरण में पीयर टीम की ओर से निरीक्षण का कार्य होना है। निरीक्षण के दौरान तीन वर्षों का अंकेक्षण प्रतिवेदन पीयर टीम के समक्ष प्रस्तुत करना था। जब इस संबंध में वित्तीय दस्तावेज और फाइल खंगाला गया तो वह सभी गायब पाया गया। यह सुनते ही विवि के अधिकारियों का हाथ-पैर सूखने लगे और जांच टीम गठित कर दिया।
प्रधानाचार्य डॉ मो कमाल।
बताया जा रहा है कि यह वित्तीय अनियमितता का मामला वित्तीय वर्ष 2018-19, 2019-20 व 2020-21 का मामला है। विवि प्रशासनिक भवन उद्घाटन के लिए मुख्यमंत्री कार्यक्रम के आलोक में विभिन्न योजना मद में करीब सौ करोड़ से अधिक का राशि विवि और पूर्णिया कॉलेज के नाम से आवंटन हुआ था। जिसमें कॉलेज में पुताई मद में 5 लाख 85 हजार, बास्केटबॉल कोर्ट पर 5 लाख 5 हजार, अडिटोरियम पर 42 लाख, स्मार्ट क्लास पर 47 लाख 50 हजार, वाउंड्रीवाल पर 17 लाख 50 हजार रुपये का काम होना था। इसके अलावा पूर्णिया कॉलेज के सौंदर्यीकरण व अन्य कई योजना मद में करोड़ों रुपये खर्च किए गए थे।
पूर्णिया विश्वविद्यालय ने इन सभी योजना और काम के लिए करीब सौ करोड़ से अधिक रुपये खर्च कर दिए और बिल भी पास हो गया। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि यह सभी योजना का काम कागजी खानापूर्ति पर तैयार तो हो गया लेकिन धरातल पर कहीं भी नहीं दिखाई दिया। सरकार का करोड़ों रुपये का बंदरबांट हो गया। यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच हुई तो विश्वविद्यालय के कई अधिकारियों का चेहरा सामने आ सकता है।
पूर्णिया कॉलेज के प्रधानाचार्य डा मो कमाल ने बताया कि जांच कमेटी को 15 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करना है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
बता दें कि इससे पूर्व भी पूर्णिया विश्वविद्यालय में घोटाले का कई मामला सामने आ चुका है। कॉलेज में प्राचार्य व कर्मचारियों की बहाली हुई थी। उस समय भी बहाली के नाम पर अवैध उगाही का मामला सामने आया था। कुछ दिन तो विश्वविद्यालय में काफी हंगामा हुआ और जांच के नाम पर मामले को रफादफा कर दिया गया।
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