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अधिकारियों को दिया निर्देश
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वायु प्रदूषण को रोकने और मिट्टी की घटती उर्वरता को बचाने के लिए पहले ही खेतों में पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पहले, मुख्यमंत्री ने किसानों को सख्त चेतावनी दी थी कि अगर वे अपने खेतों में पराली जलाते हैं, तो उन्हें सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता और सब्सिडी से वंचित कर दिया जाएगा। राज्य सरकार किसानों को सस्ती दर पर बिजली और अन्य सहायता के साथ सब्सिडी दर पर डीजल प्रदान करती है। गौरतलब है कि कैमूर, रोहतास, बक्सर, नालंदा, गया और पटना जिलों के कई किसानों को हाल के दिनों में राज्य में पराली जलाने से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने के लिए कृषि विभाग द्वारा दंडित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री मामले पर गंभीर
मुख्यमंत्री ने बैठक में मौजूद अधिकारियों को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कहीं भी पराली जलाने की घटना ना हो। उन्होंने पराली जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध की बात कहते हुए सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किया। इस बैठक में खास कर कृषि विभाग के अधिकारियों को इंगित करते हुए उन्होंने आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये। उन्होंने सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि इस तरह की घटना होती है, तो किसानों को भी आर्थिक रूप से दंडित किया जाएगा।
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