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ये पुल सोन नदी पर बना है। इससे पहले अंग्रेजों के जमाने के बने रेल-सड़क पुल से लोगों को पटना से यूपी वाया आरा होकर जाना पड़ता था। लेकिन एक तो पुल की चौड़ाई सिर्फ एक गाड़ी भर थी और सड़क का हिस्सा जर्जर था। इसकी वजह से यहां से गुजरने वाली गाड़ियां रोज जाम में फंसती थीं। लेकिन नए पुल ने ये सारी दिक्कतें दूर कर दीं।
उससे भी बड़ी बात ये कि इस पुल से पटना से आरा के बीच की दूरी सिर्फ घंटे भर की रह जाएगी। यानि दो जिलों के बीच सिर्फ 60 मिनट का फासला वो भी बगैर किसी जाम में फंसे या रुके। वहीं दक्षिण और मध्य बिहार के किसी शहर से आरा, बक्सर, रोहतास के बीच का भी फासला कम समय में तय होगा।
इस पुल के 5 बड़े फायदे जानिए
फायदा नंबर 1- समय की बचत: इस पुल के बनने से सबसे बड़ा फायदा समय की बचत का होगा। पहले पटना से आरा जाने में जाम की वजह से घंटों तक लग जाते थे, लेकिन यही सफर अब घंटे भर में तय कर लिया जाएगा।
फायदा नंबर 2- स्वर्णिम चतुर्भज और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ाव: इस पुल के जरिए स्वर्णिम चतुर्भज और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से बिहार का देश के अन्य हिस्सों से भी सीधा कनेक्शन हो जाएगा। जिससे लोगों को काफी सहूलियत होगी।
फायदा नंबर 3- रियल स्टेट कारोबार को फायदा: इस पुल से बिहार के रियल स्टेट को भी काफी फायदा होगा। कोईलवर पुल के जरिए राज्य के अलग-अलग हिस्सों में मिट्टी, बालू और कंस्ट्रक्शन मैटेरियल की ढुलाई काफी आसान हो जाएगी।
फायदा नंबर 4- भोजपुर का मटर और पटना का आलू जल्द पहुंचेगा थाली में- सबसे बड़ा फायदा ये भी है कि इस पुल के जरिए ट्रांसपोर्ट से कृषि उपज, फसल और सब्जियां बगैर बासी हुए फौरन कई जिलों में पहुंचेंगी।
फायदा नंबर 5- पहले के पुल के मुकाबले चौड़ा रास्ता: इस पुल को बनाने में 825 करोड़ रुपयों का खर्च आया है। पुराने पुल को देखते हुए इसे चौड़ा बनाया गया है। इस पुल के सिर्फ एक लेन की चौड़ाई 16 मीटर है जिसमें 13 मीटर में गाड़ियां चलेंगी जबकि दोनों तरफ 3 मीटर (डेढ़-डेड़ मीटर) का फुटपाथ होगा।
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