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विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) के अनुसार, पीटीटी 1,730 मीटर लंबा होगा और इसका निर्माण 63 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से किया जाएगा। एक बार यह पूरा हो जाने के बाद, रनवे की उड़ान संचालन क्षमता मौजूदा क्षमता से तीन गुना अधिक हो जाएगी। वर्तमान में, पटना हवाईअड्डा प्रति घंटे 10 उड़ानों का संचालन करता है, जिसमें प्रत्येक आगमन और प्रस्थान की पांच उड़ानें शामिल हैं।
तैयारी में जुटी एयरपोर्ट अथॉरिटी
केएस विजयन, महाप्रबंधक (इंजीनियरिंग), परियोजना, एएआई- पटना ने कहा कि ‘पीटीटी के निर्माण के लिए बोली एएआई मुख्यालय की ओर से मंगाई जाएगी क्योंकि उन्होंने रिपोर्ट और परियोजना के लिए आवश्यक अनुमानित राशि भेज दी है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले तीन महीनों के भीतर एक कंपनी को काम सौंप दिया जाएगा, जिसके बाद निर्माण कार्य पूरा करने में लगभग नौ महीने लगेंगे। एक बार पीटीटी विकसित हो जाने के बाद रनवे को साफ कर दिया जाएगा और पटना हवाईअड्डे से और उड़ानें संचालित होंगी।’
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तेजी से क्लियर होगा रनवे
अधिकारी के मुताबिक ‘पीटीटी लैंडिंग और भीड़भाड़ की समस्या के बाद एक विमान द्वारा कब्जा किए गए संचालन के समय को भी कम करेगा। इसका मतलब है कि उतरने वाले विमान पहले की तुलना में तेजी से रनवे को साफ कर सकते हैं। विमानों को उड़ान के लिए तैयार होने के लिए एक अलग क्षेत्र मिलेगा और वास्तविक उड़ान भरने से पहले ही वे रनवे पर पहुंचेंगे।’ विजयन ने टाइम्स न्यूज नेटवर्क को बताया कि डॉपलर वेरी हाई फ्रीक्वेंसी ओमनी रेंज (डीवीओआर) का निर्माण पहले ही किया जा चुका है और परीक्षण चल रहा है।
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