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हाइलाइट्स
पूर्व सांसद आनंद मोहन के साथ 27 अन्य कैदियों की रिहाई होगी.
नीतीश कैबिनेट के फैसले के बाद विधि विभाग का नोटिफिकेशन.
बेटे की सगाई के लिए 15 दिनों की पैरोल पर हैं पूर्व सांसद आनंद मोहन.
पटना. गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा काट रहे पूर्व सांसद आनंद मोहन को जेल से स्थायी तौर पर रिहा करने का आदेश जारी हो गया है. आनंद मोहन के साथ दर्जन भर जेलों में बंद 27 बंदियों को मुक्त करने का आदेश दिया गया है. विधि विभाग ने सोमवार को इससे जुड़ा नोटिफिकेशन जारी कर दिया, जिसे संबंधित जेल प्रशासन को भेज दिया गया है.
विधि विभाग के आदेश के अनुसार, 20 अप्रैल को राज्य दंडादेश परिहार पर्षद की बैठक में 14 वर्षों तक जेल में समय गुजारने वाले आजीवन कारावास प्राप्त कैदियों को मुक्त किए जाने की अनुशंसा राज्य सरकार से की गई थी. इसके बाद 27 कैदियों को मुक्त करने का फैसला किया गया. इनमें सबसे अधिक छह कैदी विशेष केंद्रीय कारा भागलपुर में बंद हैं. इसके अलावा मुक्त कारागार बक्सर के पांच, केंद्रीय कारा गया के तीन, आदर्श केंद्रीय कारा बेउर के दो समेत मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, भागलपुर, आरा, सहरसा, अररिया, बिहारशरीफ और कटिहार जेलों में बंद कैदियों के नाम भी सूची में हैं.
विधि विभाग द्वारा जारी आदेश में संबंधित कारा अधीक्षकों को बंदियों की सूची सौंपते रिहाई से पहले पांच मानकों के तहत आश्वस्त होने को कहा गया है. इसमें बंदी द्वारा 14 साल की वास्तविक संसीमन अवधि और परिहार सहित 20 वर्ष की अवधि पूरी की जा चुकी हो. इसके अलावा यह भी जांच करने को कहा गया है कि आजीवन कारावास के जिस मामले में रिहाई का प्रस्ताव दिया गया है, उसके अलावा बंदी किसी अन्य मामले में सजायाफ्ता न हो. अगर ऐसा है, तो उसे रिहा नहीं किया जाएगा. इसके अलावा कारा अधीक्षक को यह भी आश्वस्त होने को कहा गया है कि अनुशंसित बंदी वास्तव में कारा मुक्ति योग्य है भी या नहीं.
आपके शहर से (पटना)
पूर्व सांसद आनंद मोहन सहरसा मंडल कारा में बंद थे. फिलहाल, वह 15 दिनों की पैरोल पर जेल से बाहर हैं. सोमवार को ही उनके बेटे और राजद विधायक चेतन आनंद की सगाई समारोह भी था. अपनी रिहाई पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए आनंद मोहन ने कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समय सभी लोगों ने प्रयास किया और वे सभी के शुक्रगुजार हैं. जेल से रिहा होने के बाद अपनी भावी राजनीति और समाज सेवा को लेकर जब इनसे सवाल पूछा गया तब उन्होंने कहा कि अभी कुछ तय नहीं किया गया है. जब जेल से रिहाई हो जाएगी उसके बाद भी आगे की रणनीति तय करेंगे.
आनंद मोहन ने कहा कि उनके लिए दोहरी खुशी है क्योंकि एक तरफ बेटे की सगाई की खुशी है और दूसरी तरफ राज्य सरकार ने उनकी रिहाई का जो फैसला लिया है, वह भी बेहद खुशी का पल है. गौरतलब है कि चौदह साल की जेल की सजा पूरी होने के बावजूद आनंद मोहन को सरकारी सेवक की हत्या का दोषी होने के कारण रिहाई नहीं मिल पा रही थी. राज्य सरकार ने इसी माह 10 अप्रैल को जेल मैनुअल के परिहार नियमों में बदलाव को कैबिनेट की स्वीकृति दी थी.
विधि विभाग ने जारी अधि सूचना में जिन कैदियों का नाम जारी किया है उनकी सूची इस तरीके से है.
बंदी जेल का नाम
आनंद मोहन – मंडल कारा, सहरसा
दस्तगीर खान – मंडल कारा, अररिया
पंचा उर्फ पंचानद पासवान- केंद्रीय कारा भागलपुर
पप्पू सिंह उर्फ राजीव रंजन सिंह- केंद्रीय कारा, मोतिहारी
अशोक यादव – मंडल कारा, लखीसराय
शिवजी यादव – आदर्श केंद्रीय कारा, बेउर
किरथ यादव – विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर
राजबल्लभ यादव उर्फ बिजली यादव – मुक्त कारागार, बक्सर
कलक्टर पासवान उर्फ घुरफेकन – मंडल कारा, आरा
रामप्रवेश सिंह – केंद्रीय कारा गया
किशुनदेव राय – मुक्त कारागार, बक्सर
सुरेंद्र शर्मा – केंद्रीय कारा, गया
देवनंदन नोनिया – केंद्रीय कारा, गया
विजय सिंह उर्फ मुन्ना सिंह – केंद्रीय कारा, मुजफ्फरपुर
रामाधार राम – मुक्त कारागार, बक्सर
हृदय नारायण शर्मा- केंद्रीय काला गया
पतिराम राय – मुक्त कारागार, बक्सर
मनोज प्रसाद – आदर्श केंद्रीय कारा, बेउर
जितेंद्र सिंह – मुक्त कारागार, बक्सर
चंदेश्वरी यादव – केंद्रीय कारा, भागलपुर
खेलावन यादव – मंडल कारा, बिहारशरीफ
अलाउद्दीन अंसारी – विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर
मो. हलीम अंसारी – विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर
अख्तर अंसारी – विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर
मो. खुदबुद्दीन – विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर
सिकंदर महतो – मंडल कारा, कटिहार
अवधेश मंडल – विशेष केंद्रीय कारा, भागलपुर
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पहले प्रकाशित : 25 अप्रैल, 2023, 08:55 पूर्वाह्न IST
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