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बिहार में जातिगत जनगणना के लेकर लगातार राजनीति हो रही है। तेजस्वी यादव जाति आधारित जनगणना को लेकर लगातार दबाव बनाए हुए हैं। यहां तक कि उन्होंने नीतीश कुमार को 72 घंटे की मोहलत देते हुए यह भी कह दिया था कि वो अपनी मंशा स्पष्ट करें। बताते चलें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जातिगत जनगणना के पक्ष में हैं। इसलिए वो तेजस्वी के कंधे पर बंदूक रखकर चलाते नजर आ रहे हैं। हालांकि बीजेपी ने जातिगत जनगणना का विरोध किया है।
बीजेपी ने जेडीयू को चेताया… विपक्ष के इशारे पर नहीं चलेगी सरकार
जेडीयू और तमाम विपक्ष जाति जनगणना पर अडे़ है। अभी दो दिनों पहले भी बीजेपी के एग्रीकल्चर मिनिस्टर अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि था कि बिहार और पूरे देश में जाति आधारित जनगणना की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने यह बात साफ तौर पर कही थी कि आरजेडी जिस तरीके से नीतीश कुमार पर दबाव बना रही वो ठीक नहीं है। उन्होंने कहा था विपक्ष के दबाव में सरकार नहीं चलेगी। बीजेपी की ओर से दिया गया ये बयान आरजेडी के लिए था या नीतीश कुमार के लिए ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन ये बात यहां साफ हो चुकी है कि बीजेपी बिहार में जातिगत जनगणना के खिलाफ है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा ज्यादा जरूरत जनसंख्या नियंत्रण कानून की
बीजेपी के पर्यावरण मंत्री ने भी एनबीटी से बातचीत के दौरान कहा कि इस वक्त जातिगत जनगणना से ज्यादा जरूरी जनसंख्या नियंत्रण कानून है। उन्होंने इस मुद्दे पर गोल मोल जवाब देते हुए कहा कि ये राज्य सरकार फैसला ले। बीजेपी (BJP) ने अपनी बात पहले ही जाहिर कर दी थी। उन्होंने कहा कि हम इस वक्त नीतीश कुमार के साथ सरकार चला रहे हैं। उनके फैसले के साथ हैं। आगे जो निर्देश होगा उसके पालन किया जाएगा लेकिन मौजूदा हालात में ये फैसला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेना है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष लगातार दबाव बना रहा है। जिसका पार्टी पर कोई असर सरकार पर नहीं पड़ेगा।
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विरोधों के बावजूद नीतीश कुमार ने दिखाई जिद
इन बयानों के बावजूद नीतीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित जनगणना के लिए जल्द ही सर्वदलीय बैठक (All party meeting) बुलाई जाएगी। इस दौरान बीजेपी के नेता और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद (Tarkishor Prasad) भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इसकी प्रक्रिया शुरू होने में देर नहीं लगेगी। बताते चलें कि नीतीश के नेतृत्व में राज्य के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने देश भर में जाति जनगणना कराने की मांग को लेकर पिछले साल 23 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिला था। जिसके बाद प्रधानमंत्री ने जातिगत जनगणना को राज्य पर छोड़ दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि राज्य चाहे तो वो अपने खर्च पर जातिगत जनगणना करा सकता है। वहीं इसके बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में स्पष्ट रूप से कहा था कि यह संभव ही नहीं है।
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बीजेपी खिलाफ जा जाकर नीतीश कुमार जातिगत जनगणना पर अड़े
बीजेपी अपना रुख साफ कर चुकी है। उसका कहना कि जातिगत जनगणना में राज्य का बहुत पैसा खर्च होगा। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि एक तरफ भारतीय जनता पार्टी लोगों को जाति से ऊपर लाकर एक सूत्र में पिरोने की कोशिश कर रही है। वहीं राजनीतिक दल लोगों को जाति में तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसका सीधा नुकसान उन लोगों को हो सकता है जिनकी आबादी प्रदेश में कम है। इससे समाज में अलगाव और टकराव की स्थिति आएगी। बीजेपी का कहना है कि राजनीति करने के लिए राजनीतिक पार्टियां राजनीतिक हथकंडे अपनाएगी। वोट के लिए आरक्षण और उन जातियों को खुश करने की कोशिश करेगी। जिसका नुकसान अंत में पूरे समाज को उठाना पड़ेगा।
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बीजेपी ने अभी जेडीयू पर छोड़ा फैसला
बीजेपी के हरिभूषण ठाकुर बचौल ने भी कहा कि राज्य सरकार को इस पर फैसला लेना है। राज्य की कमान इस वक्त नीतीश कुमार के हाथ में है। उनके नेतृत्व में इस वक्त सरकार चल रही है। उन्होंने जातिगत जनगणना पर तटस्थ राय रखते हुए कहा कि बीजेपी ने अपनी आपत्ति जता दी है। प्रधानमंत्री ने इस पर साफ कह दिया है कि राज्य अपने खर्च पर कराए अब नीतीश कुमार को ये फैसला लेना है कि क्या वो इस वक्त राज्य की जनता पैसा कहां लगाते हैं।
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