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नीतीश का करेंगे घेराव
पूर्वी चंपारण के पहाड़पुर प्रखंड के मखनिया गांव स्थित जन सुराज पदयात्रा शिविर में प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार ने 15 अगस्त को गांधी मैदान में घोषणा की थी कि वे 10 लाख सरकारी नौकरी बिहार में देंगे। तेजस्वी यादव ने कहा था पहली कैबिनेट की बैठक में ही 10 लाख नौकरी बिहार की युवाओं को दे दी जाएंगी। लेकिन अब लगता है, जैसे तेजस्वी यादव के कलम की स्याही सूख गई है।
नौकरी का मुद्दा उठेगा
प्रशांत किशोर ने आक्रमक अंदाज में कहा कि अगर बिहार के युवाओं को 10 लाख नौकरियां देने का वादा महज चुनावी जुमला हुआ, तो वे बिहार सरकार से इसका हिसाब मांगेंगे। प्रशांत किशोर ने कहा कि वे बिहार के युवाओं के साथ नीतीश कुमार का घेराव करेंगे। प्रशांत किशोर ने कहा कि उनके दिमाग में बिहार के लाखों शिक्षकों की समस्या भी है। शिक्षकों के लिए समान वेतन के मुद्दे पर प्रशांत किशोर ने कहा कि 2015 की महागठबंधन सरकार के दौरान सुशील मोदी ने विपक्ष में रहते हुए घोषणा की थी कि समान काम के लिए समान वेतन लागू होना चाहिए। शिक्षकों ने झांसे में आकर बीजेपी का समर्थन कर दिया था।
शिक्षकों के हक की लड़ाई
प्रशांत ने कहा कि 2017 में सुशील मोदी डिप्टी सीएम बने, उनके पास मौका था, ये काम करने का। 2020 में शिक्षकों को फिर ठगा गया। इस बार तेजस्वी यादव ने कह दिया कि मैं आऊंगा तो समान काम के लिए समान वेतन लागू किया जाएगा। अब जब शिक्षक मेरे पास आते हैं, तो मैं उनसे सवाल करता हूं कि अब तो तेजस्वी यादव की ही सरकार है? उन्हीं के दल के व्यक्ति शिक्षा मंत्री हैं। आप इसे अब लागू करवाइए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। जन सुराज पदयात्रा के उद्देश्य पर विस्तार से बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि पूर्वी चंपारण के लिए एक माह में 400-450 किलोमीटर का रूट बनाया गया है।
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