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नीतीश ने जता दिया कि वह वजन मापकर ही चलते हैं।
– फोटो : अमर उजाला
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दल यूनाईटेड के संसदीय बोर्ड अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का हालचाल लिया या नहीं, मगर यह जरूर साफ कर दिया कि वह उनके पार्टी में आने-जाने को लेकर परवाह नहीं करते। परवाह नहीं करने वाला बयान देकर मुख्यमंत्री ने यह जता दिया है कि तेजस्वी यादव के डिप्टी सीएम पद के समकक्ष किसी को नहीं लाने के अपने फैसले पर वह कायम हैं और इससे किसी से रिश्ता बिगड़ता है तो भी उन्हें फर्क नहीं पड़ता। हालांकि, उन्होंने कहा भी कि अरे कोई उनसे यह भी कह दीजिए कि हमसे भी बात कर लें। ‘अमर उजाला’ ने शुक्रवार को ‘एक तस्वीर…हजार फसाने’ के साथ यह बात सामने लाई थी कि भाजपा नेताओं ने उपेंद्र कुशवाहा से एम्स में मुलाकात करने के साथ भाजपा को भी बता दिया और जदयू को भी जता दिया था। मुख्यमंत्री से जब भाजपा नेताओं से कुशवाहा के करीब होने को लेकर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि उनके (उपेंद्र कुशवाहा) के मन में क्या है, यह वही जानें। उन्होंने यह भी कहा कि उनके भाजपा से नजदीकियों के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन यह तो सब जानते ही हैं कि वह पार्टी में आते-जाते रहे हैं। मतलब, दल और दिल बदलते रहते हैं।
कुशवाहा ने डिप्टी सीएम बनने की इच्छा जता दी थी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खरमास के दौरान उपेंद्र कुशवाहा का सपना एक बार फिर तोड़ दिया था, जब उन्होंने डिप्टी सीएम की कोई वैकेंसी नहीं होने की जानकारी दी थी। कुशवाहा को कुछ मीडिया हाउस संभावित डिप्टी सीएम बता रहे थे और इसी क्रम में कुशवाहा ने भी बिना पूछे इसपर हामी भर दी थी। इस हामी की जानकारी के बाद मुख्यमंत्री ने इसका सीधे-सीधे खंडन कर दिया था। मुख्यमंत्री ने साफ कहा था कि डिप्टी सीएम का पद राष्ट्रीय जनता दल के पास है और इस पद को लेकर उनके पास न कोई प्रस्ताव है और न उनकी तरफ से कोई विचार। इसके बाद कुशवाहा चुप बैठ गए थे। मकर संक्रांति की बड़ी पार्टी की उनकी तैयारी भी उदासीन हो गई थी, हालांकि इसे शरद यादव के निधन के नाम पर रद्द किया गया।
नीतीश ही नहीं, जदयू ने भी संजीदगी नहीं दिखाई
इसके बाद भी कुशवाहा को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने थोड़ी भी संजीदगी नहीं दिखाई और शुक्रवार को जब वह बीमार पड़कर एम्स में थे तो जदयू नेताओं ने इसकी जानकारी भी होने से इनकार किया, जबकि भाजपा के कुछ नेताओं ने उनसे मुलाकात कर तस्वीर भी सोशल मीडिया पर जारी कर दी। इन तस्वीरों में भाजपा और जदयू को हैशटैग किया गया था, जिसके कारण कुशवाहा के भाजपा से करीब होने की बात आ रही है। अब तक कुशवाहा की ओर से ऐसा कुछ कहा नहीं गया है, लेकिन मुख्यमंत्री ने यह बयान देकर कुशवाहा के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है कि वह पहले भी पार्टी को छोड़-पकड़ चुके हैं।
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