Home Bihar नीतीश के इस एक्शन और ललन के इस री-एक्शन के बाद उपेंद्र कुशवाहा के लिए जदयू में परिस्थितियां लगातार बिगड़ रही

नीतीश के इस एक्शन और ललन के इस री-एक्शन के बाद उपेंद्र कुशवाहा के लिए जदयू में परिस्थितियां लगातार बिगड़ रही

0
नीतीश के इस एक्शन और ललन के इस री-एक्शन के बाद उपेंद्र कुशवाहा के लिए जदयू में परिस्थितियां लगातार बिगड़ रही

[ad_1]

ये दूरियां...उपेंद्र कुशवाहा जितना दावा कर रहे थे, उतने तो नहीं नीतीश के करीब दिख रहे।

ये दूरियां…उपेंद्र कुशवाहा जितना दावा कर रहे थे, उतने तो नहीं नीतीश के करीब दिख रहे।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता दल यूनाईटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभी नहीं हैं। जब थे, उस समय, उसके पहले और उसके बाद…कभी भी नीतीश कुमार को खफा कर पार्टी में इज्जत के साथ रहना किसी के लिए संभव नहीं रहा। पुराने उदाहरणों की बात छोड़ दें तो रामचंद्र प्रसाद सिंह, यानी आरसीपी ताजा उदाहरण सभी को याद होंगे। और, अब शायद उपेंद्र कुशवाहा का नंबर आ गया है। नीतीश बाकी बातों से नाराज नहीं थे। आनंद ही ले रहे थे। लेकिन, जब कुशवाहा ने रविवार को पटना एयरपोर्ट पर उतरते ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान का मजाक उड़ा दिया तो यह आशंका बलवती हो गई। जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने भले ही उसके बाद भी कुशवाहा की पार्टी में इज्जत बने रहने की बात की, लेकिन सोमवार को मुख्यमंत्री की ओर से कुशवाहा की बात पर प्रतिक्रिया देखकर तो ऐसा लगता नहीं है। सोमवार शाम राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह से जब कुशवाहा के बयान पर प्रतिक्रिया ली गई तो उन्होंने कहा- “उनकी नाराजगी का कोई कारण नहीं और जहां तक भाजपा नेताओं से संपर्क का सवाल है तो जदयू में ऐसे एक ही नेता था। वह मजिस्ट्रेट चेकिंग में पकड़े गए तो पार्टी छोड़कर भाग चुके।” पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह का नाम लिए बगैर ललन ने उनके बारे में तो कह ही दिया, कुशवाहा के बयान का भी खंडन कर दिया।

कुशवाहा के बारे में सवाल सुनते ही पल्ला झाड़ा

सोमवार सुबह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मीडिया से ठीकठाक बातचीत कर रहे थे। इसके बाद जैसे ही उपेंद्र कुशवाहा के रविवार को दिए बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि “उन्ही से पूछिए इन बातों के बारे में। हम तो इन सब चीजों पर कुछ नहीं देखते। जो बोलते हैं, छापिए।” नीतीश इसपर बात करने को तैयार नहीं थे, इसलिए सीवान में शराब से मौतों पर भी कुछ नहीं बोले और निकल गए। रविवार को कुशवाहा ने एम्स में भाजपा नेताओं के साथ अपनी तस्वीर को लेकर सवाल पूछे जाने पर बातचीत में कहा था कि जदयू बीमार है। पार्टी के बड़े-बड़े नेता भाजपा के संपर्क में हैं।

कुशवाहा ने जदयू का नाम लेकर नीतीश पर हमला बोला

इन बातों के साथ कुशवाहा ने मुख्यमंत्री के उस बयान पर भी प्रतिक्रिया दे दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह (कुशवाहा) तो पार्टी बदलते रहते हैं। कुशवाहा ने इसके जवाब में कहा था कि जदयू तीन बार भाजपा के साथ गई और लौटी है। दरअसल, जदयू चाहे जितनी बार भाजपा के साथ गई या उससे दूर हटी है तो निर्णय नीतीश कुमार ने ही लिया। चाणक्या इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिकल राइट्स एंड रिसर्च के अध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा के अनुसार- “भाजपा के साथ भी और भाजपा से दूर भी, दोनों ही परिस्थितियों में नीतीश ही कुर्सी पर रहे हैं…यह आरोप नीतीश पर बाहर वाले लगाते ही रहे हैं। जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष रहते उपेंद्र कुशवाहा ने भी घुमाकर यही आरोप लगा दिया। इसलिए वह भाजपा में जाएं या नहीं, लेकिन जदयू में अब उन्हें जबतक रहना है- असहज ही रहना होगा।”

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here