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देश में राष्ट्रपति चुनाव के तारीखों का ऐलान हो गया। चुनाव आयोग ने परिणाम से लेकर नॉमिनेशन की घोषित कर दी है। ऐसे में बिहार की राजनीति में चर्चा का माहौल गर्म है। राजनीतिक पंडितों की गणना शुरू हो गईं हैं। जानिए क्या है बिहार के राजनीतिक पंडितों का अनुमान और क्या चल रही है चर्चाएं।

नितिन गडकरी ने नीतीश कुमार की तारीफ की। उन्होंने कहा केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार और बिहार में नीतीश कुमार दोनों मिल कर बिहार का विकास कर रहे हैं। उन्होंने तारीफों के पुल बंधे। वहीं नीतीश कुमार भी कहां पीछे रहने वाले थे। उन्होंने केंद्र सरकार की तारीफ की, कहा केंद्र से हमें पूरा सहयोग मिल रहा बिहार लगातार तरक्की कर रहा है। सड़कों का विकास किया जा रहा है। हालांकि इस दौरान उन्होंने पिछली सरकार को भी याद किया। उन्होंने बताया कि जब से उनकी सरकार बनी है सड़कों का खूब विकास किया गया। पहले बिहार के सबसे दूर के इलाके से पटना आने का 6 घंटे का लक्ष्य था। अब उसे पांच किया गया। केंद्र सरकार की मदद से इसे और घटाने का प्रयास जारी है।
नीतीश कुमार ने गडकरी को दिया बार-बार आने का निमंत्रण
बताते चलें कि दोनों नेता एक मंच से एक दूसरे की खुल कर तारीफ करते नजर आए। घोषणाओं का शिलान्यास और योजनाओं की उद्धाटन करते हुए केंद्रीय पथ परिवहन निर्माण मंत्री नितिन गडकरी ने गांधी सेतु के समानांतर पुल बनाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि ‘2024 तक मैं इस पुल का उद्घाटन नीतीश कुमार के साथ करने दोबारा आउंगा।’ वहीं नीतीश कुमार ने भी गडकरी को बार-बार आते रहने का निमंत्रण दे डाला। इतना ही नहीं बिहार के विकास, सड़कों के निर्माण के लिए केंद्र और नितिन गडकरी का धन्यवाद भी किया।
शाहनवाज और नीतीश ने भी की एक दूसरे की तारीफ
इसके बाद दूसरा मौका था टेक्सटाइल और लेदर नीति के उद्घाटन का। इस बार बीजेपी के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन और नीतीश कुमार एक साथ थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस दौरान भी खास तौर पर बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन की तारीफ की। उन्होंने कहा शाहनवाज हुसैन की मेहनत मैं देख रहा हूं। वो लगातार बिहार को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे है। नीतीश कुमार ने आगे कहा कि ‘हमने बिहार में उद्योग लगाने की कोशिश की मगर उतनी सफलता नहीं मिली।’ नीतीश कुमार ने कहा हम केंद्र सरकार के सहयोग और शाहनवाज हुसैन की मेहनत देख रहे हैं। इस दौरान बाहर के इंवेस्टर्स अधिवेशन भवन में आए थे। इसके बाद शाहनवाज हुसैन ने भी नीतीश कुमार के शासन काल की तारीफ की। अपराध से लेकर लॉ एंड ऑडर तक तारीफ की। विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं की तारीफ की।
अंदर खाने में एक बार फिर सुगबुगाहट
वहीं दूसरी ओर जेडीयू और बीजेपी के अंदर खाने में इस प्रेम को लेकर चर्चा जरूर है। हालांकि नीतीश कुमार इस बात से पूरी तरह इंकार कर चुके हैं। फिर भी वो राष्ट्रपति पद के लिए लिए मजबूत दावेदार तो हैं ही। नीतीश कुमार कह चुके हैं कि उनकी इस पद को लेकर कोई दावेदारी नहीं है और न ही इच्छा है। हां, इस बात की जरूर जता चुके हैं कि केंद्र की राजनीति में जाना चाहते हैं। वहीं, जेडीयू के नेता मानते हैं उनसे योग्य और अनुभवी नेता इस वक्त कोई नहीं है। नीतीश कुमार के पास अनुभव और विजन दोनों है। बिहार जैसे बीमारू राज्य को विकासशील राज्य बनाने का अनुभव है। नीतियों का अनुभव है, सामाजिक आर्थिक उत्थान के लिए योजनाओं के निर्माण का विजन है। जो नीतीश कुमार को राष्ट्रपति पद का दावेदार बनाता है। बिहार की राजनीति के बीच चार बार से मुख्यमंत्री बने रहना भी हर किसी के बस की बात नहीं। जेडीयू के एक नेता ने कहा दोनों पार्टियों की नजदीकियों के कई मायने निकाले जा सकते हैं मगर अब देखना ये होगा कि बीजेपी क्या फैसला लेती है।
ये भी है चर्चा, क्या मकसद आरसीपी को पटना लाना है?
दूसरी तरफ बीजेपी दफ्तर में इस बात की चर्चा है। आरसीपी और नीतीश में तल्खी तो दिखावा है। दरअसल असल मकसद आरसीपी को तो पटना लाना है। वो राज्यसभा भेजे नहीं गए बल्कि वो पटना लाए गए हैं। चर्चा इस बात की भी है नीतीश कुमार ने आरसीपी के लिए कुछ और ही सोच रखा है। वहीं राजनीतिक गुणा-भाग करने वालों की मानें तो खेला हो चुका है। उनका इशारा धर्मेंद्र प्रधान के नीतीश कुमार से दो घंटे हुई मुलाकात की ओर है। बहरहाल, आने वाला वक्त बताएगा बिहार की राजनीति का ऊंट अब कौन सा करवट लेता है।
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वेब शीर्षक: देश के अगले राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं नीतीश कुमार? जानिए बीजेपी और जदयू का रिएक्शन
हिंदी समाचार नवभारत टाइम्स से, टीआईएल नेटवर्क
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