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13वीं यात्रा के मायने
सिन्हा ने आगे कहा कि सभी लोग जानते हैं कि 13 वीं कब होता है। दरअसल, सिन्हा का कहना श्राद्ध के बाद तेरहवीं के बाद क्रिया कर्म पूरा माना जाता है। लखीसराय में सोमवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री की यह पहली यात्रा नहीं है, 13 बार बिहार को यात्रा कर चुके हैं। बिहार की 13वीं कर दी। तेरहवीं तो समझते ही हैं लोग, तेरहवीं यात्रा करने के बाद 14वीं यात्रा नहीं होती है। उन्होंने मुख्यमंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि यात्रा के नाम पर पिकनिक मत मनाइए, आप अपने अहंकार के कारण यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की भ्रष्टाचार की वजह से जो अराजक स्थिति बनी है, भ्रष्टाचार और अपराध चरम पर पहुंचा है। उसकी समीक्षा कीजिए।
विजय सिन्हा का नीतीश पर हमला
सिन्हा ने शराबबंदी पर सवाल उठाते हुए कहा कि शराबबंदी के असफलता के कारण कई लोग माफिया बन गए, इसकी समीक्षा कीजिए। उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार के बर्बादी की कहानी में आप की सबसे बड़ी भूमिका होगी। इधर, सिन्हा के इस बयान पर महागठबंधन में शामिल दलों ने सिन्हा पर पलटवार किया है। जदयू के प्रवक्ता अभिषेक कुमार झा ने कहा कि विजय सिन्हा अपनी राजनीतिक वजूद बचाने की लड़ाई भाजपा के अंदर लड़ रहे हैं। भाजपा उन्हें साइडलाइन करना चाहती है।
यात्रा पर बवाल
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि जनता द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री के खिलाफ यदि वह इस तरह के बयान दे रहे हैं तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि मुख्यमंत्री की आलोचना करते समय विपक्ष के नेता को अपनी भाषा और शब्दों की मयार्दा का ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में तेरहवीं शब्द को अपशकुन शब्द के रूप में माना जाता है। नेता प्रतिपक्ष के रूप में मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलने का उनको अधिकार है पर बिहार के बारे में तेरहवीं जैसे अपशकुन शब्द का प्रयोग कर उन्होंने समस्त बिहार वासियों को अपमानित किया है। नीतीश की यात्रा पर लगी 13वीं की नजर के सियासी मायने…बीजेपी के अपशकुन वाले बयान पर सियासी बवाल, जानिए पूरा मामला
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