Home Bihar नीतीश की चुप्पी और बिहार में लगी आग, ‘अग्निपथ’ पर गुस्से में आर्मी अभ्यर्थी, अब तक तीन जिलों में ट्रेनों को फूंका

नीतीश की चुप्पी और बिहार में लगी आग, ‘अग्निपथ’ पर गुस्से में आर्मी अभ्यर्थी, अब तक तीन जिलों में ट्रेनों को फूंका

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नीतीश की चुप्पी और बिहार में लगी आग, ‘अग्निपथ’ पर गुस्से में आर्मी अभ्यर्थी, अब तक तीन जिलों में ट्रेनों को फूंका

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पटना : सेना में बहाली के ‘अग्निपथ स्कीम’ (Agnipath Scheme) पर बिहार में आग लगी हुई है। दो दिनों से आर्मी अभ्यर्थी उबल रहे हैं। करीब दर्जनभर जिलों में हंगामा और बवाल चल रहा है। गुरुवार को गोपालगंज, छपरा और कैमूर में ट्रेनें फूंक दी गई। पुलिस और नौजवान आमने-सामने हैं। आरा स्टेशन पर आंसू गैस के गोल छोड़े गए। हजारों यात्री जहां-तहां फंसे हुए हैं। सड़कों पर सैकड़ों गाड़ियां फंसी हुई है। 22 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। दर्जनों रेल गाड़ियों का रूट बदलना पड़ा। कई ट्रेनें जहां-तहां अब भी फंसी हुई है। सबकुछ अस्त-व्यस्त है, मगर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। जबकि दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री कई तरह की घोषणाएं कर रहे हैं ताकि अभ्यर्थियों को गुस्से के कम किया जा सके।

कैमूर, छपरा और गोपालगंज में ट्रेनों को फूंका
सेना की नई भर्ती स्कीम ‘अग्निपथ’ का जबर्दस्त विरोध बिहार में चल रहा है। बक्सर से शुरू हुआ विरोध आरा, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, नवादा, छपरा, सिवान, गोपालगंज, अरवल और बेगूसराय समेत कई जिलों तक पहुंच चुका है। अग्‍न‍िवीरों के लिए अग्‍न‍िपथ योजना की घोषणा करने के अगले ही दिन यानी बुधवार को जगह-जगह प्रदर्शन हुए थे। गुरुवार को दूसरे दिन भी हंगामा चल रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि तीन से चार साल तक वे परीक्षा की तैयारी है और फिर चार साल के लिए नौकरी होगी तो इसका कोई मतलब नहीं रह जाता है। छात्रों की भीड़ ने कैमूर, छपरा और गोपालगंज में ट्रेनों को फूंक दिया। हालांकि इसमे किसी की जान नहीं गई। मगर ट्रेन की बोगियों से उठ रही आग की लपटें डरानेवाली है। जिन जिलों में बवाल हो रहा है वहां लॉ एंड ऑर्डर की समस्या खड़ी होने की आशंका है। छात्रों का समूह अचानक से सड़क या प्लेटफॉर्म पर जुटता है और आगजनी शुरू कर देता है। मगर सरकार की ओर से इसे निपटने की कोई रणनीति नहीं दिखाई देती है।

Agnipath Scheme Agitation : छपरा-कैमूर के बाद गोपालगंज में ट्रेन को लगा दी आग

अग्निपथ स्कीम को लेकर सबसे ज्यादा बिहार में विरोध
अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीर बनने से पहले ही अभ्यर्थी गुस्से में हैं। बिहार में इसका असर कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहा है। लगातार दूसरे दिन नौजवान सड़कों पर हैं। बक्सर से शुरू हुआ बवाल नवादा और छपरा तक पहुंच चुका है। कैमूर, जहानाबाद और सीवान में भारी बवाल हुआ है। दरअसल 2020 से आर्मी अभ्यर्थियों की कई परीक्षाएं हुई थी। किसी का मेडिकल बाकी था तो किसी का रिटेन। ऐसे सभी अभ्यर्थियों की योग्यता एक झटके में रद्द कर दी गई। पहले ये नौकरी स्थाई हुआ करती थी। मतलब सरकारी नौकरी का ख्वाब इससे नौजवान पूरा करते थे। नई स्कीम की तहत बताया गया कि अब चार साल की नौकरी होगी। इसमें सिर्फ 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थाई किया जाएगा। 75 प्रतिशत चार साल बाद रिटायर हो जाएंगे। उनको पेंशन समेत बाकी सुविधाएं नहीं मिलेंगी। बिहार जैसे राज्य में जहां ज्यादातर युवाओं का ख्वाब सरकारी नौकरी होता है, ऐसे में सपना टूटता देख नौजवान सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गए।

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बिहार में हंगामा, बवाल और आगजनी मगर सीएम चुप
सेना में भर्ती के नए नियम पर बिहार में बवाल मचा हुआ है। दर्जनभर जिलों में लगातार दूसरे दिन जबर्दस्त विरोध देखने को मिला। आर्मी अभ्यर्थियों के विरोध को देखते हुए कई बीजेपी शासित राज्यों ने लुभावने घोषणाएं की। राज्य की नौकरियों में वरीयता देने की बात कही। ताकि छात्रों के गुस्से को थामा जा सके। बिहार में सत्ता की साझीदार बीजेपी है मगर बागडोर जेडीयू के नीतीश कुमार के पास है। चूंकि केंद्र की बीजेपी सरकार ने नियमों में बदलाव किया तो जाहिर-सी बात है, नौजवानों में गुस्सा भी बीजेपी के खिलाफ है। इस बाबत न तो बिहार बीजेपी का कोई बड़ा नेता बयान दिया है और ना ही सरकार की ओर से युवाओं के लिए कोई घोषणाएं की गई है। आर्मी अभ्यर्थियों को लग रहा है कि उनके साथ मौजूदा सरकार धोखा कर रही है, लिहाजा वो अपने गुस्से का इजहार सरकारी संपत्तियों पर उतार रहे हैं। जिसमें सबसे ज्यादा निशाने पर रेलवे है। तीन जिलों में ट्रेनें फूंक दी गई।

Agnipath Scheme Protest: कैमूर में अग्निपथ स्कीम के विरोध में ट्रेन को किया आग के हवाले, देखिए वीडियो

आखिर अग्निपथ स्कीम का क्यों विरोध कर रहे अभ्यर्थी?
14 जून को केंद्र सरकार ने सेना की तीनों शाखाओं (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना की घोषणा की। इसके तहत नौजवानों को सिर्फ चार साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी। इसके बाद इसमें से एक चौथाई युवाओं की नौकरी स्थाई होगी बाकी को रिटायर कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि सरकार ने ये कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है। मगर अभ्यर्थियों को ये सरकारी स्कीम रास नहीं आ रही है। दरअसल, सेना में जितनी भी भर्तियां होंगी, वो अग्निपथ स्कीम के तहत ही होंगी। पुराने मेडिकल या फिजकल टेस्ट को नहीं माना जाएगा। भर्ती के लिए युवाओं को अग्निपथ स्कीम के तहत ही अप्लाई करना होगा।

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