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ये है मामला
नदहा गांव में तेजाब से जलाकर एक युवक को मार डाला गया था। मृतक की पहचान नदहा गांव निवासी रामदीप राम के 30 वर्षीय पुत्र विरेश राम के रूप में की गई थी। घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने जमकर बबाल किया था। लोगों ने शव को आरोपी के घर में रखकर उसके घर पर धावा बोल दिया और सारा सामान लूट लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस की टीम मामले को पूरी तरह से समझ पाती उससे पहले आक्रोशित भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया। पुलिस पर लोगों ने ताबड़तोड़ पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। इसमें चार पुलिस पदाधिकारी सहित आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने आत्मरक्षा के लिए छह राउंड फायरिंग करते हुए जान बचाकर भागे। डीएसपी की गाड़ी सहित आधा दर्जन से अधिक पुलिस की गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। युवक की मौत के बाद पूरी रात करीब आठ घंटे तक नदहा गांव रणक्षेत्र बना रहा। पूरे गांव में पुलिस कैंप करती रही।
पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंपा
शनिवार को पुलिस ने लोगों को समझा-बुझाकर शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया और उसे परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद थोड़ा मामला धीमा हुआ। हालांकि अभी भी गांव में तनाव बना हुआ है। पुलिस कैम्प कर रही है। प्रभारी थानाध्यक्ष कुणाल चन्द्र सिंह ने बताया कि मृतका के पत्नी खुशबू कुमारी ने शरीर पर तेजाब डालकर जिंदा जलाकर हत्या करने का आरोप लगाते हुए गांव के पांच लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया है। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
पटना में ठेला चलाता था विरेश राम
जानकारी के अनुसार, पटना में ठेला चलाकर जीविकोपार्जन का काम करने वाला विरेश राम होली पर घर आया था। शुक्रवार देर शाम को गांव के ही दीपक सिंह व अन्य लोग उसे घर से बुलाकर ले गए और शराब पिलाने के बाद तेजाब छिड़क कर जिंदा जला दिया। हत्या करने के बाद शव को सरसों के खेत में फेंक दिया गया। इसकी खबर मिलते ही ग्रामीण आक्रोशित हो गए। विनय सिंह के पुत्र दीपक सिंह पर हत्या का आरोप लगाते हुए शव को उसके घर में रख दिया। इसके बाद जमकर उत्पात मचाया। तोड़फोड़ और लूटपाट की।
जानकारी मिलने पर पुलिस पहुंची। लेकिन भीड़ काफी आक्रोशित थी। उनलोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। इसमें दारोगा समेत कई पुलिस कर्मी जख्मी हो गए। बताया जाता है कि इस दौरान भीड़ की ओर से फायरिंग भी की गई। पुलिस ने भी आत्मरक्षा में हवाई फायरिंग की। गांव में कई वरीय प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी पहुंचे। लेकिन ग्रामीणों के आक्रोश से पुलिस को पीछे हटना पड़ा था।
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